विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने भारत की विदेश नीति पर बात करते पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश समेत कई अन्य पड़ोसियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि दुनिया के हर देश के लिए पड़ोसी एक समस्या है. पूरी दुनिया को अगर ध्यान से देखा जाए तो ऐसा कोई देश नहीं है, जिसकी पड़ोसी के साथ समस्याएं नहीं हैं. हर देश की उसके पड़ोसी के साथ कुछ न कुछ समस्याएं जरूर सामने आएंगी.
उन्होंने पूछा कि ऐसा कौन सा देश है, जिसकी उसके पड़ोसी के साथ दिक्कतें नहीं हैं. इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को भी खरी-खरी सुनाईं. दिल्ली में राजदूत राजीव सीकरी की किताब 'स्ट्रेटेजिक कॉनड्रम्स: रीशेपिंग इंडियाज फॉरेन पॉलिसी' के विमोचन के मौके पर उन्होंने ये बात कही.
Speaking at the release of Amb Rajiv Sikri's book ‘Strategic Conundrums: Reshaping India's Foreign Policy' in Delhi today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 30, 2024
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विदेश नीति पर क्या बोले एस जयशंकर?
- चीन का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वह हमारा पड़ोसी होने के साथ ही एक प्रमुख शक्ति भी, इसलिए वह दोहरी पहेली हैं.
- पाकिस्तान पर विदेश मंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान के साथ बिना बाधा बातचीत का युग खत्म हो गया है. अब कार्रवाई के साथ परिणाम भी... जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, आर्टिकल 370 खत्म हो चुका है. मैं जो कहना चाहता हूं कि हम निष्क्रिय नहीं हैं. घटनाएं चाहे पॉजिटिव मोड़ लें या नेगेटिव, हम प्रतिक्रिया देंगे.
- अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए एस जयशंकर ने कहा, यह भारत के लिए एक निश्चित सद्भावना है. जब हम अपनी अफगान नीति की समीक्षा करते हैं, तो हमें इस बात की सराहना करनी चाहिए कि अमेरिका की मौजूदगी वाले अफगानिस्तान की तुलना में यह बहुत अलग है.
- बांग्लादेश का जिक्र करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश के साथ हमारे रिश्ते उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं. अब हमें वहां की नई सरकार के साथ डील करना है. राजनीतिक परिवर्तन होते हैं और यह परिवर्तन विघटनकारी होते हैं. हमें हितों की पारस्परिकता पर ध्यान देना चाहिए.
- श्रीलंका पर विदेश मंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा रिश्ता है, जहां मोदी सरकार को कठिन विरासत मिली है. इस समय दो परेशानियां हैं, एक तो सार्वजनिक क्षेत्र में और दूसरा समुद्री मुद्दा, जो कि चीन की मौजूदगी और सक्रियता से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका को लेकर लोगों की धारण में काफी बदलाव हुआ है. भारत की वजह से ही श्रीलंका अपनी स्थिति से उबर पाया है.
- मालदीव के बारे में बात करते हुए एस जयशंकर मे कहा कि हमारे रिश्ते उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं. यहां एकरूपता की कमी है. इस रिश्ते में भारत ने बहुत निवेश किया है. मालदीव ने हमारे प्रयासों को पहचाना है.
पड़ोसियों पर क्या बोले एस जयशंकर?
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया की प्रमुख शक्तियां फिर से समस्या बन जाएंगी. उनका एजेंडा हमारे साथ ओवरलैप होगा और हमसे अलग भी होगा. इस मामले पर उन्होंने पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका और मालदीव का उदाहरण दिया.
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