विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishanakr) ने कनाडा के साथ भारत के बढ़ते तनाव को लेकर अपना रुख साफ किया है. सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित NDTV वर्ल्ड समिट 2024- 'द इंडिया सेंचुरी' में विदेश मंत्री ने कहा, "कनाडा का मुद्दा (India-Canada Tension) एक सामान्य पश्चिमी मुद्दा और कनाडा विशिष्ट मुद्दा है. उसका दोहरा चरित्र है. दुनिया के समीकरण बदल रहे हैं. विश्व में शक्ति संतुलन बदल रहा है. ऐसे में पश्चिम के देश इसे पचा नहीं पा रहे. हालांकि, सभी पश्चिम देश एक जैसे नहीं हैं." इस दौरान जयशंकर ने बताया कि भारत ने आखिर कनाडा से अपने डेप्लोमेट्स वापस क्यों बुलाए?
विदेश मंत्री ने NDTV वर्ल्ड समिट में कहा, "कनाडा को तब कोई दिक्कत नहीं होती, जब उनके डेप्लोमेट्स भारत आकर हमारी सेना और पुलिस की जानकारी इकट्ठा करती है. वहीं, हमारे डेप्लोमेट्स पर पाबंदी लगा दी जाती है. यह कनाडा का डबल स्टैंडर्ड रवैया है."
कनाडा का दोहरा चेहरा
विदेश मंत्री ने कहा, "कनाडा को लेकर इतिहास भी है. 1980 में कनाडा से उड़ान भरने वाले एअर इंडिया के प्लेन को क्रैश कर दिया गया था. इसके बाद डेप्लोमेसी एक अलग दिशा में चली गई. कनाडा ने हमसे अपने उच्चायुक्त को पुलिस जांच के अधीन करने के लिए कहा. हमारी सरकार ने उसकी बातों को खारिज कर दिया. इसके बाद हमने अपने डेप्लोमेट्स वापस बुला लिए."
कुछ चीजें पचा नहीं पा रहा कनाडा
एस जयशंकर ने कहा, "मैं US या यूरोप जाता हूं, तो वहां के देश भारत के साथ काम करने को अहमियत देते हैं. लेकिन ये बातें कनाडा में सुनने को नहीं मिलती.1945 के बाद वर्ल्ड का सिस्टम बहुत पश्चिमी था. 1990 के दशक के बाद यह बहुत पश्चिमी थी. लेकिन पिछले 20 सालों में चीजें बदली हैं. वर्ल्ड का बैलेंस बदला है. कई गैर-पश्चिमी देश बहुत प्रभावशाली रहे हैं. गैर-पश्चिम और पश्चिम के बीच समीकरण बदल रहा है. लिहाजा इसे पचाना और समायोजित करना आसान नहीं है. कनाडा के साथ यही दिक्कत है."
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— NDTV India (@ndtvindia) October 21, 2024
क्या है मामला?
दरअसल, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच हाल के समय में रिश्ते बिगड़े हैं. कनाडा से रिश्तों में तनाव के बीच भारत ने सोमवार (14 अक्टूबर) को कार्यकारी हाई कमिश्नर स्टीवर्ट रॉस व्हीलर समेत 6 कनाडाई डिप्लोमैट्स को देश से वापस जाने का आदेश दे दिया. इन अधिकारियों को देश छोड़ने के लिए 19 अक्टूबर की रात 12 बजे तक का समय दिया गया है. उधर, कनाडा ने भी भारत के 6 डिप्लोमैट्स को देश छोड़कर जाने के लिए कहा है.
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ट्रूडो सरकार की एक चिट्ठी के बाद हुई कार्रवाई
यह कार्रवाई कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो सरकार की एक चिट्ठी के बाद हुई. इसमें भारतीय हाई कमिश्नर और कुछ दूसरे डिप्लोमैट्स को कनाडाई नागरिक की हत्या में संदिग्ध बताया गया था. हालांकि, कनाडाई नागरिक की जानकारी नहीं दी, लेकिन इसे खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जोड़कर देखा जा रहा है.
विदेश मंत्रालय ने कनाडा पर जारी किया था बयान
कनाडा के आरोपों पर बीते दिनों भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमें कनाडा की सरकार पर भरोसा नहीं है कि वह हाई कमिश्नर वर्मा को सुरक्षा दे पाएंगे. भारत इन बेतुके आरोपों को सिरे से खारिज करता है. इसके पीछे ट्रूडो सरकार का पॉलिटिकल एजेंडा है, जो कि वोट बैंक से प्रेरित है."
LAC पर गश्त दोबारा शुरू करने में सक्षम
वहीं, भारत और चीन के बीच LAC पर पैट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते को लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा, "भारत या चीन जैसे कई बड़े देशों के बीच अलग-अलग दृष्टिकोण हैं. अगर टकराव होगा और यह इतना आसान नहीं होगा. लेकिन ये समझौता बहुत अहम है. हम 2020 में जो गश्त कर रहे थे, उसे वापस करने में सक्षम होंगे."
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