जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उसके फैसलों के बारे में बताया. पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केरल हाईकोर्ट के आदेश की वजह से इस पर चर्चा की गई थी. लेकिन कुछ सदस्यों ने कहा कि वो यह नहीं चाहते हैं. इसके बाद जीएसटी काउंसिल ने फैसला किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का अभी वक्त नहीं है.
साथ ही वित्त मंत्री ने कहा, 'कलम पर 18 प्रतिशत की एकल दर से जीएसटी लगेगा, वहीं विशिष्ट नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर 12 प्रतिशत माल एवं सेवा कर लगेगा. डीजल में मिलाये जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया.'
इसके अलावा उन्होंने कहा, 'जीएसटी परिषद ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर कर दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया. जीएसटी परिषद ने कोविड उपचार में उपयोग होने वाली दवाओं पर रियायती जीएसटी दरों को 31 दिसंबर तक बढ़ाया.' साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों के मंत्रियों का एक समूह दरों को तर्कसंगत बनाये जाने संबंधी मुद्दों पर गौर करेगा और दो माह में अपनी सिफारिशें देगा.
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