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This Article is From Jul 10, 2023

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से अब तक 54 लोगों की मौत, CM सुक्खू ने बताया कैसे हैं हालात

Flood Situation in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से राज्य के कई जिलों में बाढ़ आ गई है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से अगले 24 घंटे घर में रहने को कहा है. प्रदेश में कई नदी-नहरें खतरे के निशान से ऊपर हैं. दो जगह बादल भी फटा है.

हिमाचल में बारिश और बाढ़ से सबसे प्रभावित इलाका कुल्लू और मंडी जिला है.

नई दिल्ली:

हिमाचल प्रदेश में इन दिनों आसमान से आफत (Himachal Pradesh Rainfall) बरस रही है. मॉनसून (Monsoon) ने इस बार बारिश के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. मूसलाधार बारिश से राज्य के कई जिलों में बाढ़ आ गई है. बाढ़ में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है. हिमाचल में सतलुज और ब्यास नदी उफान (Himachal Flood) पर है. कुल्लू, शिमला और मनाली में हालत खराब है. मनाली में बारिश का 52 साल का रिकॉर्ड टूटा है. बारिश के कारण सड़कें टूट गई हैं और पुल बह गया है. ऐसे में कई जगह पर्यटक फंस गए हैं. राज्य में एनडीआरएफ (NDRF Rescue Team) की 12 टीमें तैनात हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से बाढ़ के हालात पर बात की है और हर संभव मदद का भरोसा दिया है.

NDTV ने हिमाचल में बारिश और बाढ़ के हालात पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से फोन पर खास बातचीत की. सुक्खू ने बताया कि बाढ़ और बारिश से कुल्लू और मंडी के हालात खराब हो रहे हैं. अभी तक 54 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है. पिछले 18 घंटे से कुल्लू के नगवाई में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था. ये जगह मंडी की बाउंड्री में आती है. यहां से रविवार देर रात 6 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, ये सभी 18 घंटे से बाढ़ में फंसे हुए थे.

सीएम सुक्खू ने कहा, "मैं 24 घंटे आपकी सेवा के लिए उपलब्ध हूं. मेरा टेलीफोन 24 घंटे आपके लिए खुला रहेगा. इस आपदा की घड़ी में मैं सभी विधायकों से फिर एक बार अनुरोध करता हूं कि वो अपने विधानसभा क्षेत्र में रहें. लोगों पर जो विपदा आई है उसमें उनका सहयोग करें. नुकसान की भरपाई के लिए भी आप लोगों का सहयोग करें."

अब तक 54 लोगों की मौत
हिमाचल में बाढ़-बारिश से अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 92 लोग घायल हो गए हैं. बारिश की वजह से राज्य को करीब चार हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. सभी स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.

मनाली की बिल्डिंग से 22 लोगों को किया रेस्क्यू
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आगे बताया, "मनाली की एक बिल्डिंग में 22 लोग फंसे हुए थे. सोमवार सुबह उन्हें रेस्क्यू किया गया. रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है, अब रेस्टोरेशन यानी मरम्मत का काम चल रहा है. बारिश और बाढ़ के कारण कुल्लू में बिजली की सप्लाई पूरी तरह ठप है. बाढ़ में 3 पुल टूट गए हैं. लैंडस्लाइड और बाढ़ के चलते तकरीबन 700 सड़कें बंद हैं."

पर्यटकों के परिजनों के आ रहे फोन
उन्होंने कहा, "कुल्लू और मनाली में फंसे कई पर्यटकों के परिजनों के फोन आ रहे हैं. वो अपने लोगों से संपर्क नहीं होने से परेशान हैं. मेरी उन सभी से गुजारिश है कि बिजली सप्लाई नहीं होने के कारण उनके फोन डिस्चार्ज हो गए होंगे. इसलिए वो आपसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. घबराने की बात नहीं है. सभी पर्यटकों के खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया जा रहा है. रास्ता खुलते ही उन्हें एयरलिफ्ट किया जाएगा. जिसके बाद वो घर की तरफ रवाना होंगे."

कुल्लू और मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित
सीएम ने बताया कि हिमाचल में बारिश और बाढ़ से सबसे प्रभावित इलाका कुल्लू और मंडी जिला है. यहां सबसे ज्यादा जानमाल का नुकसान हुआ है. यहां सड़क परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से ठप है. मेरा ये मानना है कि अगले 48 घंटे में हम सड़क व्यवस्था आवाजाही के लिए खोल देंगे.

केंद्र से विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की
हिमाचल प्रदेश के सीएम ने बताया कि केंद्र सरकार से प्रदेश में हुए नुकसान से उबरने के लिए तत्काल विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की गई है. इस स्थिति को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का भी आग्रह किया गया है. उन्होंने कहा, "हम सब मिलकर इस संकट से उबरेंगे और हिमाचल को पहले से भी अधिक मजबूत राज्य बनाएंगे."

पंचवक्त्र महादेव मंदिर पर बाढ़ का असर नहीं
बारिश के बाद आई बाढ़ से मंडी जिले का ऐतिहासिक पंचवक्त्र महादेव मंदिर पर कोई असर नहीं पड़ा है. हालांकि, ब्यास नदी और सुकेती खड्ड के किनारे बने इस मंदिर की तस्वीरों ने केदारनाथ की याद दिला दी. यह मंदिर केदारनाथ जैसा दिखता है. दस साल पहले जब मंदाकिनी ने जब रौद्र रूप धारण किया था, तब केदारनाथ मंदिर और नदी की धारा के बीच एक शिला आ गई थी. जिससे मंदिर सुरक्षित रहा था. अब मंडी में जहां एक ओर पुल, पहाड़ और बड़े-बड़े मकान बाढ़ में बह गए, वहीं पंचवक्त्र मंदिर पर कोई असर नहीं पड़ा है.

क्या है इतनी बारिश और बाढ़ की वजह?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक मॉनसूनी हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ का मिलन ही दो दिन से हो रही बारिश और बाढ़ की वजह है. ऐसी स्थिति में भयानक बारिश होती है. बाढ़ आता है. पहाड़ दरकते हैं. भूस्खलन होता है. नदियां सुनामी जैसी भयावह लहरों के साथ तेज गति से चलती हैं.  

अब सामान्य से अधिक हुई देश की कुल बारिश 
बता दें कि देश की कुल बारिश अब सामान्य से अधिक हो गई है. 9 जुलाई तक सामान्य बारिश 239 मिमी होती थी. अब आंकड़ा इसे पार कर 243 मिमी हो गया है, जो 2% ज्यादा है.

अगले 24 घंटों में इन राज्यों में तेज बारिश के आसार
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले 24 घंटे में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, ओडिशा, गोवा, कर्नाटक और केरल में भारी बारिश के आसार हैं.

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