UP News: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले की एक अदालत ने बैंकिंग जगत को हिला देने वाले 1.85 करोड़ रुपये के गबन मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. अदालत ने इंडियन बैंक के मुख्य आरोपी कैशियर को आजीवन कारावास (उम्रकैद) और बैंक मैनेजर समेत 5 अन्य आरोपियों को 10-10 साल की कड़ी सजा सुनाई है. उत्तर प्रदेश सरकार के 'ऑपरेशन कन्विक्शन' के तहत पुलिस ने इस मामले की ऐसी पैरवी की कि महज 172 दिनों के भीतर सभी दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया.
क्या था पूरा मामला?
यह पूरा घोटाला 19 मार्च 2025 को तब सामने आया जब इंडियन बैंक की जसरा शाखा के खाताधारकों के होश उड़ गए. ग्राहकों ने शिकायत की कि उनके द्वारा जमा की गई मेहनत की कमाई बैंक खातों से गायब है. गबन की कुल राशि 1,85,97,000 रुपये थी, जो 100 से अधिक ग्राहकों के खातों में सेंध लगाकर निकाली गई थी. बैंक के क्षेत्रीय प्रमुख तरुण कुमार बिश्नोई ने जसरा थाने में इसकी FIR दर्ज कराई थी.
किसे क्या मिली सजा?
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सर्वेश पांडे की अदालत ने इस संगठित अपराध को समाज और बैंकिंग प्रणाली के प्रति बड़ा धोखा माना. जयप्रकाश सिंह (कैशियर) को मुख्य साजिशकर्ता होने के नाते आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. साथ ही उस पर 5.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. वहीं, रघवेंद्र सिंह, प्रवीण कुमार, आकाश मिश्रा, वीर बहादुर और सुखदेव सिंह को 10-10 साल की जेल की सुनाई गई.
पुलिस की बड़ी कामयाबी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सौरभ दीक्षित के अनुसार, पुलिस ने इस मामले को संगठित अपराध की श्रेणी में रखकर जांच की. पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्य और गवाहों को इतनी मजबूती से पेश किया कि बचाव पक्ष को संभलने का मौका नहीं मिला. कोर्ट ने रिकॉर्ड 172 दिनों में सुनवाई पूरी कर यह संदेश दिया कि जनता के पैसे के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
ये भी पढ़ें:- 'DM को फोन कर हारते हुए प्रत्याशी को जिताया?' वायरल वीडियो पर जीतन राम मांझी ने तोड़ी चुप्पी, बताया पूरा सच
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं