
- दिल्ली पुलिस ने PM मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी के खिलाफ वायरल AI वीडियो मामले में FIR दर्ज की है.
- भाजपा के शिकायत पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें AI वीडियो के जरिए छवि खराब करने के आरोप शामिल है.
- शिकायत में बताया गया कि कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से एआई जनरेटेड फर्जी वीडियो पोस्ट किया गया, जो भ्रामक है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी के डीपफेक वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. दिल्ली पुलिस ने भाजपा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में कांग्रेस और कांग्रेस आईटी सेल का नाम है. यह एफआईआर नॉर्थ एवेन्यू थाने में दर्ज की गई है, जिसमें वीडियो के जरिए पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी की छवि को खराब करने, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने और समाज में भ्रम फैलाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां के डीपफेक वीडियो मामले में भाजपा दिल्ली के चुनाव प्रकोष्ठ संयोजक संकेत गुप्ता ने 10 सितंबर की शाम बिहार कांग्रेस के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल द्वारा पोस्ट एक एआई वीडियो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
कांग्रेस हैंडल से AI जनरेटेड फर्जी वीडियो
शिकायत के अनुसार, 10 सितंबर 2025 को शाम 6:12 बजे कांग्रेस के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल (INC बिहार) से एक्स प्लेटफॉर्म पर एक एआई जनरेटेड फर्जी वीडियो जारी किया गया.
शिकायत में कहा गया कि यह एआई और डीपफेक तकनीक से तैयार किया गया वीडियो है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को उनकी मां के साथ दिखाया गया है. यह वीडियो पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है, जिसका उद्देश्य जनता को गुमराह करना और प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत तथा संवैधानिक छवि को नुकसान पहुंचाना है.
समाज की नैतिकता पर भी चोट: गुप्ता
संकेत गुप्ता ने अपनी शिकायत में लिखा, "यह वीडियो न सिर्फ प्रधानमंत्री का अपमान है, बल्कि भारतीय संस्कृति में मां-बेटे के पवित्र रिश्ते की मर्यादा को भी ठेस पहुंचाता है. हीराबेन मोदी अब इस दुनिया में नहीं हैं कि वे अपनी गरिमा की रक्षा कर सकें. उनके नाम और चेहरे का इस तरह से राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग करना न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि समाज की नैतिकता पर भी चोट है."
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता बार-बार प्रधानमंत्री की मां के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है.
इस केस की जांच एसआई एल. किपगन को सौंपी गई है. एफआईआर की एक कॉपी मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गई है.
महिलाओं के प्रति सम्मान को भी आघात: गुप्ता
शिकायत में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस ने सिर्फ प्रधानमंत्री की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि एक दिवंगत महिला की गरिमा, मातृत्व की पवित्रता और महिलाओं के प्रति सम्मान को भी आघात पहुंचाया है.
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि 27 और 28 अगस्त को बिहार के दरभंगा में कांग्रेस और राजद की 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान भी प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था. संकेत गुप्ता ने शिकायत देते हुए सुप्रीम कोर्ट के तीन ऐतिहासिक फैसलों का हवाला भी दिया.
सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत सरकार (2016), जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी की प्रतिष्ठा पर हमला बोलना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है. केएस पुट्टस्वामी बनाम भारत सरकार (2017), जिसमें निजता और गरिमा को मूल अधिकार माना गया. इसके साथ ही बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट बनाम दिलीप कुमार (1983), जिसमें प्रतिष्ठा को जीवन के अधिकार से जोड़कर देखा गया.
पुलिस ने शिकायत को गंभीर मानते हुए एफआईआर दर्ज की है. BNS की धाराओं 318(2), 336(3)(4), 340(2), 352, 356(2) और 61(2) सहित आईटी एक्ट और डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट की प्रासंगिक धाराओं में दर्ज किया गया है.
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