प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट ने रक्षा निर्माण क्षेत्र में निवेश बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद FDI की सीमा ऑटोमैटिक रूट के ज़रिए 49 फीसदी से बढ़ा कर 74 फीसदी की जाएगी. आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत वित्त मंत्री ने जुलाई में इसका ऐलान किया था. इससे पहले जुलाई 2018 में सरकार ने रक्षा निर्माण के क्षेत्र में 49% FDI को ऑटोमैटिक रूट से अनुमति दी थी. भारत में रक्षा क्षेत्र में 70% आयात होता है और भारत में रक्षा निर्माण को बढ़ाना देने के लिए यह फैसला किया गया था. हालांकि इस क्षेत्र में विदेशी निवेश अधिक नहीं आया है.
अप्रैल 2000 से मार्च 2020 के बीच बीस साल में केवल 56.88 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हुआ है, अब निवेश की सीमा बढ़ाने से सरकार को उम्मीद कि निवेश बढ़ेगा. इसके अलावा कैबिनेट ने तीन लेबर कोड को मंजूरी भी दी है. कल शाम को कैबिनेट की मीटिंग हुई थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार तीनों कोड को संसद के मॉनसून सत्र में रखा जाएगा. इन तीनों कोड का नाम सामाजिक सुरक्षा, ऑक्यूपेशनल सैफ्टी, हैल्थ और वर्किंग कंडीशन्स और इंडस्ट्रियल रिलेशन्स है.
श्रम सुधार की दिशा में इसे अहम कदम माना जा रहा है. श्रमिकों से जुड़े 44 क़ानूनों को चार कोड में डाला गया है ताकि जटिल क़ानूनों को सरल किया जा सके. इसमें मज़दूरी (वेज) से जुड़ा कोड पहले ही संसद पारित कर चुकी है. बाकी तीन कोड को स्टैंडिग कमेटी को भेजा गया था और अब कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. लॉकडाउन के दौरान कुछ राज्यों ने श्रम क़ानूनों में बदलाव किया था.
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