खुदरा बाजार में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ओपन मार्किट सेल स्कीम के जरिए बाजार में अतिरिक्त स्टॉक रिलीज करने की प्रक्रिया जल्दी ही शुरू हो जाएगी. शुक्रवार को फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के चेयरमैन अशोक कुमार मीणा ने कहा कि आज ही गेहूं का टेंडर निकला जाएगा और 28 जून को उसकी पहली नीलामी की जाएगी.
अशोक मीणा ने कहा, "सरकार की प्राथमिकता रिटेल बाजार में गेहूं और चावल की कीमतों को नियंत्रित करने की है. अभी गेहूं और चावल की कीमतें बढ़ती हुई दिख रही हैं. इसे देखते हुए भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि ओपन मार्केट सेल करनी चाहिए और यह सेल इस तरह करनी चाहिए जिससे कि पिछड़े, रिमोट इलाकों में छोटे व्यापारियों के पास गेहूं व चावल दोनों जल्दी पहुंचाया जा सके."
FCI ने पहले चरण में अपने 457 डिपो से चार लाख मैट्रिक टन गेहूं की नीलामी (Auction) करने का फैसला किया है. यह भी तय किया गया है कि व्यापारी उसी राज्य में टेंडर में भाग ले सकेंगे जहां उनका जीएसटी रजिस्ट्रेशन किया गया है. FCI चेयरमैन के मुताबिक चावल का ई-ऑक्शन 5 जुलाई को किया जाएगा.
भारत सरकार ने गेहूं के आयात पर ड्यूटी को कम करने के विकल्प पर विचार के भी संकेत दिए हैं. अशोक मीणा ने कहा, "कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए भारत सरकार के पास कई तरह के विकल्प होते हैं. हमने स्टॉक लिमिट लगाई हुई है. ओपन मार्केट सेल के बाद भी अगर फूड इन्फ्लेशन, विशेषकर चावल और गेहूं की रिटेल कीमतें नियंत्रित नहीं होती हैं तो सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी कम करना जरूरी है या नहीं, इस पर भी विचार कर सकती है."
गेहूं की नीलामी के दौरान एक खरीदार प्रति नीलामी अधिकतम 10 से 100 मीट्रिक टन तक खरीद सकेगा.
फिलहाल FCI के पास सभी मौजूदा खाद्य सुरक्षा की योजनाओं और आवश्यक बफर नॉर्म्स के अलावा कुल 87 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 292 लाख मीट्रिक टन चावल का स्टॉक उपलब्ध है.
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