विज्ञापन
This Article is From Sep 08, 2021

FBI का मोस्टवांटेड हक्कानी तालिबान सरकार में, काबुल में भारतीय दूतावास पर भी हमले का आरोप

सिराजुद्दीन हक्कानी सोवियत संघ के खिलाफ जेहाद में बड़ी भूमिका निभाने वाले जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है. जलालुद्दीन हक्कानी ने पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाले हक्कानी नेटवर्क की स्थापना की थी. उसके सिर पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम भी है.

FBI का मोस्टवांटेड हक्कानी तालिबान सरकार में, काबुल में भारतीय दूतावास पर भी हमले का आरोप
तालिबान की कैबिनेट में पाकिस्तान की भूमिका साफ दिख रही
नई दिल्ली:

तालिबान की सरकार (Taliban Government) में कई ऐसे चेहरों को शामिल किया गया है, जो वैश्विक स्तर पर घोषित आतंकियों की सूची में शामिल है. इनमें सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) भी है, जिसे अफगानिस्तान का नया गृह मंत्री बनाया गया है. आतंकवादी हमलों में शामिल सिराजुद्दीन हक्कानी एफबीआई की मोस्टवांटेड सूची (FBI Most Wanted List ) में शामिल है. सिराजुद्दीन के चाचा खलील हक्कानी को भी शरणार्थी मामलों का मंत्री बनाया गया है. भारत विरोधी हमलों के आरोपी हक्कानी गुट के दो अन्य सदस्य भी अंतरिम तालिबान सरकार में शामिल किए गए हैं. तालिबान सरकार का घोषणापत्र भी जारी हो गया है, इसमें इस्लामिक कानून शरिया के हिसाब से सरकार चलाने की बात है.

तालिबान की नई कट्टरपंथी सरकार की मंगलवार को घोषणा की गई थी. इस कैबिनेट में पाकिस्तान की दखलंदाजी साफ झलक रही है. इसमें सिराजुद्दीन हक्कानी को अफगानिस्तान का आंतरिक मामलों का मंत्री बनाए जाने की घटना ने भारत की चिंता बढ़ा दी है.सिराजुद्दीन हक्कानी सोवियत संघ के खिलाफ जेहाद में बड़ी भूमिका निभाने वाले जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है. जलालुद्दीन हक्कानी ने पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाले हक्कानी नेटवर्क की स्थापना की थी.

वो बड़ी आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है, जिसकी वजह से उसे एफबीआई की मोस्टवांटेड लिस्ट में रखा गया है. गौरतलब है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख फैज हमीद पिछले हफ्ते काबुल दौरे पर पहुंचे थे. तालिबान की नई सरकार में सबसे बड़ा बदलाव मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) को दरकिनार कर कट्टरपंथी तालिबान नेता मुल्ला हसन अखुंद (Taliban leader Mullah Hassan Akhund) को प्रधानमंत्री बनाया जाना है. 

अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान को मुख्य धारा में लाने के लिए राजनीतिक वार्ता करने वाला तालिबान धड़ा नई सरकार में हाशिये पर दिख रहा है. दोहा गुट में शामिल तालिबान नेता शेर अब्बास स्टैनिकजई को उप विदेश मंत्री बनाया गया है.

सिराजुद्दीन और खलील हक्कानी का नाम भी अभी भी अमेरिका की घोषित आतंकियों की सूची में है. सिराजुद्दीन हक्कानी 2016 से ही तालिबान के दो उप नेताओं में शामिल रहा है. उस के सिर पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम भी है. दुनिया भर के लिए खासकर अमेरिका के लिए ऐसे घोषित आतंकी नेताओं के साथ संपर्क और संवाद करना बेहद मुश्किल होगा.

भारत के लिए हक्कानी गुट के खूंखार कमांडरों का तालिबान की नई सरकार में शामिल होना गंभीर चिंता का विषय है. हक्कानी गुट पर 2008 में काबुल में हुए भारतीय दूतावास पर हमले को अंजाम देने का आरोप है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से इस हमले को किया गया था. इस हमले में 58 लोग मारे गए थे. हक्कानी नेटवर्क पिछले कई सालों में आत्मघाती हमलों को अंजाम देता आया है. उसने फिरौती के लिए कई विदेशी नागरिकों का अपहरण भी किया है.

- - ये भी पढ़ें - -
* PHOTO: तालिबान लड़ाके ने तान दी बंदूक, निडर होकर डटी रही प्रदर्शनकारी महिला
* अफगानिस्तान की नई सरकार के प्रमुख मुल्ला हसन अखुंद कौन हैं? 5 प्वाइंट्स में जानें
* तालिबान ने किया 'अंतरिम' सरकार का ऐलान, मोहम्मद हसन अखुंद करेंगे नेतृत्व

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com