अयोध्या में जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा नई बेंच के पास भेजने के फैसले के बाद जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि अयोध्या मुद्दे पर बैठकर हल निकाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भगवान राम सारी दुनिया के हैं, सिर्फ हिंदुओं के नहीं. इसे कोर्ट में क्यों घसीटा जा रहा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा गठित एक 3 जजों की नई बेंच यानी उपयुक्त पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आदेश देगी.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 'इस मुद्दे (अयोध्या मु्ददे) पर चर्चा होनी चाहिए, और इसे बातचीत की मेज़ पर बैठकर लोगों द्वारा हल किया जाना चाहिए. इसे कोर्ट में क्यों घसीटा जाना चाहिए? मुझे भरोसा है कि इसे बातचीत से हल किया जा सकता है. भगवान राम सारी दुनिया के हैं, सिर्फ हिन्दुओं के नहीं."
Farooq Abdullah on Ayodhya issue: Bhagwan Ram se kisi ko baer nahi hai na hona chahiye. Koshish karni chahiye suljhane ki aur banane ki. Jis din ye ho jayega main bhi ek patthar lagane jaaonga. Jaldi samadhaan hona chahiye https://t.co/eIBPpvpr8G
— ANI (@ANI) January 4, 2019
आगे उन्होंने कहा कि "भगवान राम से किसी को बैर नहीं है, न होना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए सुलझाने की और बनाने की. जिस दिन यह हो जाएगा, मैं भी एक पत्थर लगाने जाऊंगा. जल्दी समाधान होना चाहिए."
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इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा, ‘एक उपयुक्त पीठ मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आगे के आदेश देगी.' सुनवाई के लिए मामला सामने आते ही प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामला है और इसपर आदेश पारित किया. अलग-अलग पक्षों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे और राजीव धवन को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं मिला. मामले की सुनवाई 30 सेकेंड भी नहीं चली.
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