पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बृहस्पतिवार को किसान संगठनों से बिना वैध कारणों के विरोध प्रदर्शन नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि उनकी सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं. नागरिक केंद्रित सेवाओं को घर पर ही सुलभ कराने के उद्देश्य से शुरू की गई पहल ‘सरकार तुहाडे द्वार' की शुरुआत करने के बाद यहां लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कुछ किसान संगठनों द्वारा पिछले महीने सूखे और टूटे अनाज पर केंद्र द्वारा की गई मूल्य कटौती के खिलाफ ‘रेल रोको' के संदर्भ में यह बात कही.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा मूल्य कटौती का बोझ वहन करने की घोषणा के बावजूद किसानों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व, संगठन वैध कारणों से धरना देते थे. मुख्यमंत्री ने कहा, “लेकिन इन दिनों, वे पहले कहीं भी एक जगह (आंदोलन करने के लिए) देखते हैं और बाद में मांगों पर निर्णय लेते हैं.”
मान ने इस बात का उल्लेख किया कि उनकी सरकार ने उन किसानों को 15,000 रुपये प्रति एकड़ का भुगतान किया, जिनकी फसल पिछले महीने बेमौसम बारिश के कारण खराब हो गई थी. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा सूखे और टूटे अनाज के मूल्य में कटौती की घोषणा के बाद, उनकी सरकार ने प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए बोझ वहन करने का फैसला किया.
मान ने ‘रेल रोको' विरोध के पीछे के तर्क पर भी सवाल उठाया और बताया कि ट्रेन की आवाजाही में व्यवधान के कारण पंजाब के यात्रियों को ही खामियाजा भुगतना पड़ा. उन्होंने कहा कि जब सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं, तो ये विरोध अतार्किक और तर्कहीन हैं.
केंद्र सरकार ने पिछले महीने सूखे और टूटे अनाज की सीमा छह प्रतिशत की जगह 18 प्रतिशत तक कम कर दी थी. हालांकि, सूखे और टूटे अनाज पर छह प्रतिशत तक कोई मूल्य कटौती लागू नहीं होनी थी.
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