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This Article is From Dec 07, 2020

किसान कानून: देवेंद्र फडणवीस बोले, 'सिर्फ मोदी सरकार के विरोध के लिए बंद का समर्थन कर रहे विपक्षी दल'

कांग्रेस, राकांपा, अकाली दल, आप, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी आदि राजनीतिक दलों ने 8 दिसंबर के ‘भारत बंद’ के आह्वान का समर्थन किया है. 

किसान कानून: देवेंद्र फडणवीस बोले, 'सिर्फ मोदी सरकार के विरोध के लिए बंद का समर्थन कर रहे विपक्षी दल'
मुंबई:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने मंगलवार को प्रस्तावित भारत बंद (Bharat Bandh) का समर्थन करने वाले कांग्रेस, राकांपा और अन्य दलों पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि केवल नरेंद्र मोदी सरकार के विरोध के लिए ये दल आंदोलन का साथ दे रहे हैं.फडणवीस ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि इन दलों ने पहले केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm law) में ऐसे ही प्रावधानों का समर्थन किया था. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर अब कानूनों पर दोहरा रुख अपनाने का आरोप लगाया. फडणवीस ने गैर-भाजपा दलों पर ‘अराजकता' फैलाने के लिए बंद का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि किसान इस बात से भलीभांति वाकिफ हैं और कृषि कानूनों का समर्थन करेंगे.

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गौरतलब है कि कांग्रेस, राकांपा, अकाली दल, आप, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी आदि राजनीतिक दलों ने 8 दिसंबर के ‘भारत बंद' के आह्वान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 2019 के घोषणापत्र में कहा गया कि पार्टी सत्ता में आने पर कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) कानून को समाप्त कर देगी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 27 दिसंबर, 2013 को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि कांग्रेस शासित राज्यों में एपीएमसी कानून से सब्जियों और फलों को हटा लिया जाएगा.

फडणवीस ने कहा, ‘‘अब केंद्र ने भी वही किया है. लेकिन अब कांग्रेस इसका विरोध कर रही है.''अगस्त 2010 और नवंबर 2011 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार द्वारा मुख्यमंत्रियों को लिखे गये दो पत्रों का जिक्र करते हुए फडणवीस ने कहा कि राकांपा अध्यक्ष ने उस समय खेती में निजी निवेश को महत्वपूर्ण बताया था.पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पवार साहब ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि एपीएमसी के एकाधिकार को तोड़ना होगा ताकि किसान कहीं भी अपने उत्पाद बेच सकें.उन्होंने कहा कि ‘भारत बंद' का समर्थन कर रहे दल केवल राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं.

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