
किसानों के ‘दिल्ली चलो' विरोध मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को अंबाला में शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. शंभू सीमा के पास उस समय अव्यवस्था की स्थिति बन गई, जब किसानों ने सीमेंट से बने अवरोधक हटाने के लिए ट्रैक्टर इस्तेमाल किए. ये अवरोधक प्रदर्शनकारी किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए घग्गर नदी पुल पर हरियाणा पुलिस द्वारा बैरिकेड के हिस्से के रूप में रखे गए थे.
हरियाणा पुलिस ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों पर पथराव कर रहे हैं. हरियाणा पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों द्वारा हरियाणा पुलिस पर पथराव किया गया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए.''
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘किसी को भी अशांति फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. अभी स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.'' पुलिस द्वारा आंसू गैस के कई गोले छोड़े जाने से हवा में धुएं की चादर छा गई है. हर बार आंसू गैस का गोला गिराये जाने पर किसान उसके प्रभाव को सीमित करने के लिए उसे जूट के थैले से ढकने की कोशिश करते दिखे.
किसान नेताओं को प्रदर्शनकारियों से आंसू गैस के गोले के प्रभाव को कम करने के लिए गीले कपड़ों का उपयोग करने के लिए कहते सुना गया. इससे पहले, अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा बैरिकेड से दूर रहने की अपील के बावजूद, कई युवा पीछे नहीं हटे और बैरिकेड के ऊपर खड़े रहे.
उन्होंने बताया कि जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने लोहे का बैरिकेड तोड़ दिया और उसे घग्गर नदी के पुल से नीचे फेंकने की कोशिश की, तो पुलिस ने आंसू गैस के कई गोले छोड़े.
अधिकारियों ने बताया कि जब करीब एक घंटे बाद बड़ी संख्या में किसान शंभू सीमा पर बैरिकेड के पास एकत्र हुए, तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फिर से आंसू गैस के गोले छोड़े. कुछ प्रदर्शनकारियों के पास के मैदान में घुसने के बाद पुलिस ने फिर से आंसू गैस के गोले दागे. बाद में पुलिस ने आंसू गैस का गोला गिराने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया.
प्रदर्शनकारी किसानों ने आंसू गैस के गोले फेंकने के लिए हरियाणा सरकार की आलोचना की और कहा कि वे अपनी मांगों को मनवाने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए दृढ़ हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के वास्ते कानून बनाने सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को दिल्ली कूच करेंगे. सोमवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान प्रतिनिधियों की वार्ता विफल रही थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं