केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) 51वें दिन में प्रवेश कर चुका है. किसान संगठन और सरकार आज फिर वार्ता की मेज पर बैठेंगे. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आज की बैठक में कोई नतीजा निकलेगा या नहीं. मसले के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कमेटी गठित की है. किसान नेता भूपिंदर सिंह मान (Bhupinder Singh Mann) ने खुद को कमेटी से अलग करने की शुक्रवार को वजह बताई.
अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के चेयरमैन भूपिंदर सिंह मान ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "आंदोलनकारी किसान कमेटी के समक्ष पेश नहीं होने का ऐलान कर चुके हैं, ऐसे में कमेटी में रहने का कोई तुक नहीं बनता है इसलिए मैंने कमेटी को छोड़ा है."
Since protesting farmers have announced not to appear before the committee, there is no point in being part of it: Bhupinder Singh Mann, Chairman of All India Kisan Coordination Committee, on his decision to recuse himself from 4-member committee appointed by Supreme Court https://t.co/BHhMbiMffi pic.twitter.com/W2cAMr9pkI
— ANI (@ANI) January 15, 2021
भूपिंदर मान ने खुद किया कमेटी से अलग
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस कमेटी का गठन किया है, उसमें भूपिंदर सिंह मान भी शामिल थे. भूपिंदर सिंह मान ने चिट्ठी लिखकर खुद को समिति से अलग करने की जानकारी दी थी. पत्र में मान ने लिखा है कि वे हमेशा पंजाब और किसानों के साथ खड़े हैं. एक किसान और संगठन का नेता होने के नाते वह किसानों की भावना जानते हैं. वह किसानों और पंजाब के प्रति वफादार हैं. किसानों के हितों से कभी कोई समझौता नहीं कर सकता. वह इसके लिए कितने भी बड़े पद या सम्मान की बलि दे सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बनाई 4 सदस्यों की कमेटी
शीर्ष अदालत की तरफ से बनाई गई चार सदस्यों की समिति में भूपिंदर सिंह मान के अलावा शेतकारी संगठन (महाराष्ट्र) के अध्यक्ष अनिल घनवत, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान दक्षिण एशिया के निदेशक प्रमोद कुमार जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी शामिल हैं.
(एएनआई के इनपुट के साथ)
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