तीनों कृषि कानून वापस लेने के प्रधानमंत्री के ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार ने विश्वास तोड़ा है, सब कुछ लुटा के होश में आए तो क्या आए. शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह अहम घोषणा करते हुए किसानों से अपील की थी कि अब वे अपने घरों व खेतों को लौट जाएं. पीएम मोदी ने कहा कि इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया जाएगा.
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चन्नी ने कहा, "सब कुछ लुटा के होश में आए तो क्या आए. हमारा विश्वास टूट गया है. अब जब तक संसद से कानून वापस नहीं होंगे तब तक इंतजार रहेगा. वहीं हमारी सरकार से मांग है कि कानून के जरिए MSP मिलना चाहिए."
पंजाब के उप मुख्यमंत्री एसएस रंधावा ने कहा, "बीजेपी ने कहा था यह कृषि कानून किसानों के हित में हैं, अगर ऐसा ही था तो फिर अब इन्हें वापस क्यों लिया जा रहा है? सरकार को अपने इस निर्णय के पीछे का कारण भी समझाना चाहिए. किसान आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों से केंद्र सरकार को माफी मांगनी चाहिए."
BJP had said that these farm laws were good for farmers, then why have they withdrawn these laws now? They should explain the reason behind this decision. Central govt should apologize to families of farmers who sacrificed their lives in this protest: Punjab Deputy CM SS Randhawa pic.twitter.com/TEm8PN3ixI
— ANI (@ANI) November 19, 2021
उधर, अकाली दल का रवैया भाजपा की तरफ थोड़ा नरम होता दिखा. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट करते हुए लिखा, "हम तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं. हमें खुशी है कि इस घोषणा के लिए गुरुनानक देव जी के प्रकाश पुरब वाले दिन को चुना गया. मुझे उम्मीद है कि यह निर्णय देश को एकजुट करेगा, जिसने आंदोलन के कारण बहुत गुस्सा देखा है. काश प्रधानमंत्री ने यह निर्णय तब ही ले लिया होता, जब अकाली दल ने इन कृषि कानूनों के लागू होते वक्त इस मुद्दे को उठाया था. बहुत कुछ अलग होता, अब मैं पीएमओ से गुजारिश करता हूं कि किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे भी वापस लिए जाएं."
Wholeheartedly welcome the decision on repeal of 3 farming Black Laws. @Akali_Dal_ is particularly grateful that Guru Nanak Dev Ji's Parkash Purab was chosen to announce it. I hope this decision unites the nation, which has seen much temper due to the protests. 1/2
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) November 19, 2021
I only wish the Prime Minister would have taken the decision when @Akali_Dal_ had raised the issue at the time of enactment of these #FarmLaws. A lot would have been different then. Now I urge @PMOIndia to take it forward by withdrawing the cases against farmers. 2/2
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) November 19, 2021
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