
- दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रो विजय कुमार मल्होत्रा का नई दिल्ली AIIMS में निधन हो गया
- दिल्ली में भाजपा की स्थापना और मजबूती में केदारनाथ साहनी और मदन लाल खुराना के साथ उनकी अहम भूमिका रही
- प्रो मल्होत्रा ने 1999 के आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को करीब 30 हजार वोटों से हराया था
Vijay Kumar Malhotra Passes Away: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद विजय कुमार मल्होत्रा का मंगलवार सुबह नई दिल्ली AIIMS में निधन हो गया. भारतीय राजनीति में करीब 5 दशक तक सक्रिय रहे प्रो विजय कुमार मल्होत्रा, जनसंघ और भाजपा के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक थे. दिल्ली की राजनीति में उन्हें एक शिक्षाविद, बेदाग छवि वाले नेता और कुशल खेल प्रशासक के रूप में याद किया जाता है. उन्होंने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नींव रखने और उसे मजबूत करने में केदारनाथ साहनी और मदन लाल खुराना के साथ एक निर्णायक भूमिका निभाई. इन नेताओं की तिकड़ी के दूर-दूर तक चर्चे रहे. उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक 1999 के आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारी अंतर से हराना था.
प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का जन्म कब और कहां हुआ था?
उनका जन्म 3 दिसंबर 1931 को अविभाजित भारत में पंजाब के लाहौर शहर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है.
2. वह अपने परिवार में कौन-से स्थान पर थे?
वह कविराज खजान चंद की सात संतानों में से चौथे थे.
3. कहां से और कितने पढ़े-लिखे थे प्रो मल्होत्रा?
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए और हिंदी साहित्य में डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि प्राप्त की थी. वह एक शिक्षाविद् भी थे.
4. राजनीति के अलावा, प्रो मल्होत्रा और किन क्षेत्रों से जुड़े थे?
वह एक खेल प्रशासक भी थे. वह दिल्ली में शतरंज और तीरंदाजी क्लबों के प्रशासन से जुड़े थे.

5. प्रो. मल्होत्रा ने अपना राजनीतिक करियर किस पार्टी से शुरू किया था?
उन्होंने अपना राजनीतिक सफर भारतीय जनसंघ से शुरू किया था और बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापक नेताओं में से एक बने.
6. वह कितनी बार सांसद (लोकसभा सदस्य) रहे?
वह अपने 45 वर्षों से अधिक के करियर में 5 बार सांसद रहे.
7. वह कितनी बार विधायक (दिल्ली विधानसभा सदस्य) रहे?
वह अपने राजनीतिक जीवन में 2 बार विधायक रहे.
8. वह किस अवधि में दिल्ली प्रदेश जनसंघ के अध्यक्ष रहे?
वह 1972 से 1975 तक दिल्ली प्रदेश जनसंघ के अध्यक्ष रहे.
9. वह कितनी बार दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष चुने गए?
वह दो बार भारतीय जनता पार्टी, दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष चुने गए: 1977-80 और 1980-84.
10. दिल्ली में भाजपा को स्थापित करने का श्रेय किन्हें दिया जाता है?
प्रो मल्होत्रा को केदारनाथ साहनी और मदन लाल खुराना के साथ कई वर्षों तक दिल्ली में भाजपा को सक्रिय बनाए रखने का श्रेय दिया जाता है.
11. प्रो. मल्होत्रा जनसंघ के दौर में किन बड़े नेताओं के साथ काम करते रहे?
वह जनसंघ के दौर से ही अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के साथ काम करते रहे थे.
12. वह किस वर्ष दिल्ली के मुख्य कार्यकारी पार्षद निर्वाचित हुए थे?
वह 1967 में मुख्य कार्यकारी पार्षद निर्वाचित हुए थे, जो उस समय के मुख्यमंत्री के पद के बराबर होता था.
13. वह किस चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे?
साल 2008 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया था.
14. वह कब दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे थे?
वह 2008 से 2013 तक दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे थे.
15. प्रो. मल्होत्रा की सबसे बड़ी राजनीतिक जीत क्या मानी जाती है?
उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक जीत 1999 के भारतीय आम चुनाव में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को भारी अंतर से पराजित करना माना जाता है.
16. मनमोहन सिंह से उनकी कैसी टक्कर हुई थी?
उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह को करीब 30 हजार वोटों से हराया था. मल्होत्रा को 2,61,230 वोट, और मनमोहन सिंह को 2,31,231 वोट मिले थे.
17. 2004 के आम चुनाव में उनकी क्या विशिष्ट उपलब्धि थी?
2004 के भारतीय आम चुनाव में, वह दिल्ली में अपनी सीट जीतने वाले एकमात्र भाजपा उम्मीदवार थे, जबकि बाकी सभी छह सीटें कांग्रेस ने जीती थीं.

18. प्रो. मल्होत्रा की छवि किस तरह के नेता की थी?
मल्होत्रा एक बेदाग और स्वच्छ छवि वाले नेता माने जाते थे.
19. दिल्ली की राजनीति में उन्हें किस रूप में देखा जाता था?
वह चार दशकों से भी ज्यादा समय तक दिल्ली की राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति रहे और राजधानी में भाजपा और उसके पूर्व संगठन जनसंघ के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक थे.
20. मल्होत्रा ने दिल्ली में बीजेपी को कितना मजबूत किया?
उन्होंने दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष बनकर पार्टी को दिल्ली में मजबूत आधार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और लंबे समय तक यहां की राजनीति में सक्रिय रहे.
प्रो विजय कुमार मल्होत्रा का जाना दिल्ली में बीजेपी की राजनीति के एक युग के अवसान की तरह है.
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