फर्जी डिग्री के मामले में दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। तोमर से केजरीवाल के नाराज होने की खबरों के बीच पार्टी ने आज उनके मामले को जांच के लिए आतंरिक लोकपाल के पास भेज दिया गया है। अभी राकेश सिन्हा और एसपी वर्मा पार्टी के आंतरिक लोकपाल हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा, जिन अन्य विधायकों पर भी सवाल उठ रहे हैं, पार्टी उनसे भी इस बाबत जानकारी ले रही है।
साथ ही संजय ने आगे कहा, उनकी पार्टी दिल्ली पुलिस से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और रामशंकर कठेरिया के मामलों की जांच और मुक़दमा दर्ज करने की मांग करेगी।
इससे पूर्व यह बात सामने आई कि केजरीवाल तोमर से बेहद नाराज हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के बड़े नेता मानते हैं कि ग़लत दलील और ग़लत सर्टिफ़िकेट दिखाकर तोमर ने उन्हें अंधेरे में रखा। साथ ही उनका मानना है कि तोमर ने झूठी आरटीआई दिखाकर उन्हें विश्वास में लेने की कोशिश की। सूत्रों का यह भी कहना है कि तोमर को आम आदमी पार्टी से निकालने पर भी विचार हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने फैसला लिया है कि अब तोमर को कोई कानूनी सहायता नहीं मुहैया कराएगी।
पिछली बार तोमर के लिए पार्टी नेता और वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने कोर्ट में बहस की थी। अब तोमर को खुद अपने वकील करने होंगे। आम आदमी पार्टी ने तोमर मामले की जांच आंतरिक लोकपाल को सौंपी है। अभी राकेश सिन्हा और एसपी वर्मा पार्टी के आंतरिक लोकपाल हैं।
इस बीच, तोमर को दिल्ली पुलिस बिहार ले गई है। दिल्ली पुलिस उन्हें मुंगेर के विश्वनाथ सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडी कॉलेज और भागलपुर की तिलका मांझी यूनिवर्सिटी ले जाएगी, जहां उनके सामने उनकी डिग्री का वेरिफिकेशन किया जाएगा।
इससे पहले तोमर को दिल्ली पुलिस फैजाबाद के केएस साकेत पीजी कॉलेज और आरएमएल अवध विश्वविद्यालय भी ले गई थी, जहां उनकी बीएससी की डिग्री का वेरिफिकेशन कराया गया था।
जांच के दौरान तोमर पुलिस को विश्वविद्यालय की फिजिक्स लैब भी नहीं दिखा सके और न ही उन शिक्षकों को पहचान सके, जिन्होंने 1987-88 के बीच बीएससी के छात्रों को पढ़ाया था।
पुलिस ने कहा कि तोमर अपनी कक्षा, फिजिक्स लैब और बाथरूम नहीं पहचान पाए। फैजाबाद में जांच ने कुल मिलाकर पुलिस के इस शुरुआती निष्कर्ष की पुष्टि की कि तोमर की डिग्रियां फर्जी हैं।
तोमर को गुरुवार को साकेत की सेशन कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत की सुनवाई 16 जून के लिए टाल दी और पुलिस को कहा है कि वो इस मामले की सघन जांच करे।
साथ ही संजय ने आगे कहा, उनकी पार्टी दिल्ली पुलिस से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और रामशंकर कठेरिया के मामलों की जांच और मुक़दमा दर्ज करने की मांग करेगी।
इससे पूर्व यह बात सामने आई कि केजरीवाल तोमर से बेहद नाराज हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के बड़े नेता मानते हैं कि ग़लत दलील और ग़लत सर्टिफ़िकेट दिखाकर तोमर ने उन्हें अंधेरे में रखा। साथ ही उनका मानना है कि तोमर ने झूठी आरटीआई दिखाकर उन्हें विश्वास में लेने की कोशिश की। सूत्रों का यह भी कहना है कि तोमर को आम आदमी पार्टी से निकालने पर भी विचार हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने फैसला लिया है कि अब तोमर को कोई कानूनी सहायता नहीं मुहैया कराएगी।
पिछली बार तोमर के लिए पार्टी नेता और वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने कोर्ट में बहस की थी। अब तोमर को खुद अपने वकील करने होंगे। आम आदमी पार्टी ने तोमर मामले की जांच आंतरिक लोकपाल को सौंपी है। अभी राकेश सिन्हा और एसपी वर्मा पार्टी के आंतरिक लोकपाल हैं।
इस बीच, तोमर को दिल्ली पुलिस बिहार ले गई है। दिल्ली पुलिस उन्हें मुंगेर के विश्वनाथ सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडी कॉलेज और भागलपुर की तिलका मांझी यूनिवर्सिटी ले जाएगी, जहां उनके सामने उनकी डिग्री का वेरिफिकेशन किया जाएगा।
इससे पहले तोमर को दिल्ली पुलिस फैजाबाद के केएस साकेत पीजी कॉलेज और आरएमएल अवध विश्वविद्यालय भी ले गई थी, जहां उनकी बीएससी की डिग्री का वेरिफिकेशन कराया गया था।
जांच के दौरान तोमर पुलिस को विश्वविद्यालय की फिजिक्स लैब भी नहीं दिखा सके और न ही उन शिक्षकों को पहचान सके, जिन्होंने 1987-88 के बीच बीएससी के छात्रों को पढ़ाया था।
पुलिस ने कहा कि तोमर अपनी कक्षा, फिजिक्स लैब और बाथरूम नहीं पहचान पाए। फैजाबाद में जांच ने कुल मिलाकर पुलिस के इस शुरुआती निष्कर्ष की पुष्टि की कि तोमर की डिग्रियां फर्जी हैं।
तोमर को गुरुवार को साकेत की सेशन कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत की सुनवाई 16 जून के लिए टाल दी और पुलिस को कहा है कि वो इस मामले की सघन जांच करे।
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