मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान अभिनीत फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज का मार्ग प्रशस्त करने में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की भूमिका को लेकर उन पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि फडणवीस ने यह दिखाने का मौका गंवा दिया कि यहां ‘56 इंच के सीने’ वाली सरकार है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा है, ‘‘इस फिल्म की रिलीज को लेकर घटित घटनाक्रम ‘‘भयावह, निर्मम रहे और इन घटनाक्रमों ने शहीद जवानों के घावों पर नमक रगड़ने जैसा काम किया है.’’ इस फिल्म के निर्माताओं और मनसे के बीच संधि कराने के लिए फडणवीस को विपक्षी कांग्रेस और राकांपा की ओर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इनका आरोप है कि ऐसा करके फडणवीस ने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की अपनी मुख्य जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है.
‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है, ‘‘पर्दे के पीछे काफी कुछ हुआ और इस फिल्म को लेकर सभी विरोध ‘वर्षा’ (मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास) में चाय-नाश्ते के साथ खत्म हो गया. हम इसमें नहीं जाना चाहते कि कौन जीता और कौन हारा, लेकिन संपूर्ण घटना से हमारे शहीद जवानों का अपमान हुआ है.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘केन्द्रीय नेता पाकिस्तान को धमका रहे हैं और लक्षित हमलों पर वाहवाही लूट रहे हैं. लेकिन इनमें से एक भी नेता के पास यह कहने का साहस नहीं है कि पाकिस्तानी कलाकारों वाली फिल्मों को रिलीज करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. लक्षित हमलों के बाद पाकिस्तान करीब 25 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है और किसी को इसकी परवाह नहीं है.’’ शिवसेना ने कहा कि फडणवीस के पास यह दिखाने का मौका था कि ‘‘56 इंच का सीना’’ वाली सरकार है और पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार की तुलना में उसकी रीढ़ कहीं अधिक मजबूत है.
संपादकीय में कहा गया है, ‘‘वर्षा में चाय सत्र के बाद कइयों के चेहरे से नकाब हट गए. करण जौहर को अपनी फिल्म की रिलीज के बदले सेना कल्याण कोष में पांच करोड़ रुपये डालने को कहा गया था. क्या हमारे जवानों के बलिदान की यही कीमत है. यह संपूर्ण घटना भयावह, निर्मम है और इसने शहीदों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है.’ इस फिल्म को लेकर जारी गतिरोध दूर करने में अपने हस्तक्षेप को उचित ठहराते हुए फडणवीस ने कहा था कि यह मुद्दा इसलिए हल हो सका क्योंकि प्रोड्यूसर्स गिल्ड और मनसे का एक ही रुख था और वह था भारतीय सेना के साथ एकजुटता दिखाना.
गौरतलब है कि 22 अक्टूबर को राजनीतिक एवं अन्य संगठनों के दबाव में बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं ने घोषणा की थी कि वे पाकिस्तानी कलाकारों को अपनी फिल्मों में नहीं लेंगे. इससे करण जौहर निर्देशित ‘ऐ दिल है मुश्किल’ के रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया क्योंकि मनसे ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने की अपनी धमकी वापस ले ली.
जौहर ने प्रोड्यूसर्स गिल्ड के अध्यक्ष मुकेश भट्ट के साथ फडणवीस से उनके आवास ‘वर्षा’ पर मुलाकात की थी जहां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे भी मौजूद थे.
रणबीर कपूर, ऐश्वर्य राय बच्चन और अनुष्का शर्मा अभिनीत ‘ऐ दिल है मुश्किल’ फिल्म 28 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा है, ‘‘इस फिल्म की रिलीज को लेकर घटित घटनाक्रम ‘‘भयावह, निर्मम रहे और इन घटनाक्रमों ने शहीद जवानों के घावों पर नमक रगड़ने जैसा काम किया है.’’ इस फिल्म के निर्माताओं और मनसे के बीच संधि कराने के लिए फडणवीस को विपक्षी कांग्रेस और राकांपा की ओर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इनका आरोप है कि ऐसा करके फडणवीस ने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की अपनी मुख्य जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है.
‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है, ‘‘पर्दे के पीछे काफी कुछ हुआ और इस फिल्म को लेकर सभी विरोध ‘वर्षा’ (मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास) में चाय-नाश्ते के साथ खत्म हो गया. हम इसमें नहीं जाना चाहते कि कौन जीता और कौन हारा, लेकिन संपूर्ण घटना से हमारे शहीद जवानों का अपमान हुआ है.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘केन्द्रीय नेता पाकिस्तान को धमका रहे हैं और लक्षित हमलों पर वाहवाही लूट रहे हैं. लेकिन इनमें से एक भी नेता के पास यह कहने का साहस नहीं है कि पाकिस्तानी कलाकारों वाली फिल्मों को रिलीज करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. लक्षित हमलों के बाद पाकिस्तान करीब 25 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है और किसी को इसकी परवाह नहीं है.’’ शिवसेना ने कहा कि फडणवीस के पास यह दिखाने का मौका था कि ‘‘56 इंच का सीना’’ वाली सरकार है और पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार की तुलना में उसकी रीढ़ कहीं अधिक मजबूत है.
संपादकीय में कहा गया है, ‘‘वर्षा में चाय सत्र के बाद कइयों के चेहरे से नकाब हट गए. करण जौहर को अपनी फिल्म की रिलीज के बदले सेना कल्याण कोष में पांच करोड़ रुपये डालने को कहा गया था. क्या हमारे जवानों के बलिदान की यही कीमत है. यह संपूर्ण घटना भयावह, निर्मम है और इसने शहीदों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है.’ इस फिल्म को लेकर जारी गतिरोध दूर करने में अपने हस्तक्षेप को उचित ठहराते हुए फडणवीस ने कहा था कि यह मुद्दा इसलिए हल हो सका क्योंकि प्रोड्यूसर्स गिल्ड और मनसे का एक ही रुख था और वह था भारतीय सेना के साथ एकजुटता दिखाना.
गौरतलब है कि 22 अक्टूबर को राजनीतिक एवं अन्य संगठनों के दबाव में बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं ने घोषणा की थी कि वे पाकिस्तानी कलाकारों को अपनी फिल्मों में नहीं लेंगे. इससे करण जौहर निर्देशित ‘ऐ दिल है मुश्किल’ के रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया क्योंकि मनसे ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने की अपनी धमकी वापस ले ली.
जौहर ने प्रोड्यूसर्स गिल्ड के अध्यक्ष मुकेश भट्ट के साथ फडणवीस से उनके आवास ‘वर्षा’ पर मुलाकात की थी जहां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे भी मौजूद थे.
रणबीर कपूर, ऐश्वर्य राय बच्चन और अनुष्का शर्मा अभिनीत ‘ऐ दिल है मुश्किल’ फिल्म 28 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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