
F-47 Fighter Jet: चीन से बढ़ते मुकाबले और रूस से बढ़ती टेंशन के बीच अमेरिका ने अपने अब तक के सबसे घातक हथियार का ऐलान कर दिया है. इसे आसमान में उड़ता दुश्मन का काल बताया जा रहा है. ये अमेरिकी वायुसेना का छठवीं पीढ़ी का सबसे एडवांस्ट फाइटर जेट F-47 होगा. यूक्रेन को लेकर नाटो से रूस के बढ़ते टकराव और तीसरे विश्व युद्ध की आहट के बीच इस लड़ाकू विमान को तैयार करने में अमेरिका युद्धस्तर पर जुट गया है. इसकी स्पीड 2 मैक प्लस यानी 2500 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा होगी, यानी दुनिया का कोई रडार सिस्टम इसकी भनक तक नहीं लगा पाएगा. उड़ान भरते ही ये करीब 1000 मील के इलाके में दुश्मन के किसी भी ठिकाने पर सटीक वार करने में सक्षम होगा.
1000 विशेषज्ञों की मेहनत
एयर फोर्स चीफ ऑफ स्टॉफ जनरल डेविड एलविन का कहना है कि वायुसेना के एयर स्पेस और साइबर सम्मेलन में कहा कि अमेरिका इस घातक फाइटर जेट के साथ ड्रोन, आधुनिक मिसाइलों, सेंसर पर युद्धस्तर पर काम करेगा. 1000 के करीब वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की मेहनत से इसका डिजाइन तैयार किया गया है. 2026 तक इसकी पहली उड़ान के साथ 2028 तक एयरफोर्स को पहला ऐसा फाइटर जेट देने का टारगेट है. कोशिश है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल पूरा होने तक ये यूएस एयरफोर्स की सेवा में आ जाए.
एफ-35 के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा ताकतवर
अमेरिका के मौजूदा एफ-35 फाइटर जेट के मुकाबले एफ-47 की ऑपरेशन ताकत 25 फीसदी ज्यादा होगी. बोइंग ये नेक्स्ट जनरेशन एयरक्रॉफ्ट तैयार कर रही है. अमेरिकी एयरफोर्स ऐसे घातक 185 फाइटर प्लेन का बेड़ा तैयार करेगी, ताकि चीन, रूस समेत कई मोर्चों पर एक साथ मुकाबला करने की स्थिति में हो.
लागत 3 गुना ज्यादा
F-47 के एक प्लेन की कीमत F-35 ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर की मौजूदा लागत के करीब 3 गुना बताई जा रही है. अनुमान के मुताबिक, इसकी कीमत करीब 2662 करोड़ रुपये के आसपास होगी. अमेरिका के पास अभी F-22 Raptor और F-35A के तौर पर 5वीं पीढ़ी के दो फाइटर जेट हैं. इसके अलावा F-15, F-16, F-18, F-22 भी कई सामरिक मोर्चों पर तैनात हैं.
बोइंग से करार
अमेरिका ने 2024 में अपने इस फाइटर जेट का काम रोक दिया था, लेकिन दुनिया में मची उथल-पुथल के बीच मार्च 2025 में बोइंग के साथ अमेरिकी सरकार ने 20 अरब डॉलर का नया कांट्रैक्ट किया है. US Air Force के अनुसार, F-47 के प्रोटोटाइप का टेस्ट 2019 में ही किया जा चुका है और सैकड़ों घंटों तक इसके टेस्ट हो चुके हैं.
चीन का J-36 और J-50
चीन भी छठवीं पीढ़ी के दो फाइटर जेट J-36 और J-50 तैयार कर रहा है, उसने 2024 के जुहाई एयरशो में इसका प्रोटोटाइप पेश कर अमेरिका की नींद उड़ा दी थी. लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अमेरिका का सिक्स्थ जनरेशन फाइटर जेट डेवलपेमेंट प्रोग्राम चीन के मुकाबले करीब 4 साल पीछे चल रहा है.
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