अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद भारत (India) में भी इसे लेकर गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं. मौजूदा हालात को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने सभी पार्टियों के नेताओं को अफगानिस्तान की स्थिति से रूबरू करवाया. सर्वदलीय बैठक में 31 पार्टियों के 37 नेता शामिल हुए. इस दौरान विदेश मंत्री ने सभी नेताओं के सवालों का व्यक्तिगत जवाब दिया. सर्वदलीय बैठक के बाद उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द सभी लोगों की निकासी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान के मोर्चे पर काफी सक्रियता है. आपने अफगानिस्तान में स्थिति देखी है, जब तक वहां की स्थिति ठीक नहीं हो जाती है, आपको भविष्य की नीति को लेकर और अधिक धैर्य दिखाना होगा.
'सीमा विवाद का स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए तैयार हैं', चीनी विदेश मंत्री ने एस जयशंकर से कहा
ज्यादातर विपक्षी नेताओं ने लोगों की सुरक्षित वापसी को लेकर सवाल पूछा था. जिसे लेकर जयशंकर ने कहा कि अब तक छह उड़ाने हो चुकी हैं, सबसे नवीनतम उड़ान आज सुबह की थी. उन्होंने कहा कि हम ज्यादातर भारतीयों को वापस लेकर आ गए हैं, लेकिन सभी को नहीं. कुछ लोग कल उड़ान के लिए नहीं पहुंच सके. निश्चित रूप से हम सभी को वापस लाने का प्रयास करेंगे. हमने कुछ अफगान नागरिकों को भी निकाला है.
एस जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर हमारी मजबूत राष्ट्रीय स्थिति है. हमारा दृष्टिकोण राष्ट्रीय एकता की भावना के साथ है. विदेश मंत्री ने कहा कि हमने एक ई-वीजा नीति भी शुरू की है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द निकासी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय निर्णयों में हमारे हितों/भूमिका या कूटनीति को भी मान्यता दी जाती है. उन्होंने कहा कि हम कई अन्य देशों के संपर्क में हैं. पिछले दो दिनों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने पीएम मोदी से बात की थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं