विज्ञापन

केंद्र बच्चों द्वारा इंटरनेट का उपयोग किए जाने को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए : अदालत

Smartphone Addiction: आज के समय में बच्चों के माता-पिता दोनों ही वर्किंग होते है जिसकी वजह से उनके पास बच्चों के साथ समय बिताने के लिए वक्त नहीं होता है. ऐसे में बच्चे मोबाइल और टीवी का सहारा लेते हैं. जिससे वो खुद को व्यस्त रख सकें. लेकिन उनकी ये आदतें सेहत पर कैसा असर डालती हैं यहा जानें.

केंद्र बच्चों द्वारा इंटरनेट का उपयोग किए जाने को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए : अदालत
भारत में बैन होगा बच्चों का मोबाइल.
मदुरै:

Smartphone Addiction: मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने व्यवस्था दी है कि केंद्र सरकार बच्चों द्वारा इंटरनेट का उपयोग किए जाने को विनियमित करने के लिए उसी तरह से एक कानून बनाने पर विचार कर सकती है जैसा कानून आस्ट्रेलिया में बनाया गया है. अदालत ने कहा कि जब तक ऐसा कोई कानून लागू नहीं हो जाता, तब तक राज्य और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों में बाल अधिकारों और इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक कार्य योजना तैयार कर सकता है. अदालत द्वारा सुझाए गए ढांचे का उद्देश्य 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट रखने से रोकना है, क्योंकि नाबालिगों के हानिकारक ऑनलाइन सामग्री के संपर्क में आने की आशंका है.

ज्यादा मोबाइल देखने के नुकसान

बता दें कि बच्चों के लिए बढ़ता स्क्रीन टाइम का असर उनके दिमाग पर और उनके बिहेवियर पर भी पड़ता है. ज्यादा मोबाइल देखना और स्क्रीन टाइम बढ़ने की वजह से बच्चा आक्रामक, गुस्सैल हो सकता है. लीलावती अस्पताल मुंबई के मनोचिकित्सक डॉ. शोरुक मोटवानी ने बताया, "बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम, ट्रॉमा और हिंसा बच्चों में व्यवहार संबंधी बदलाव ला सकते हैं. वो नखरे दिखाएंगे, आक्रामक हो जाएंगे, चिंतित हो जाएंगे, सो नहीं पाएंगे और उदास हो जाएंगे."

पीडियाट्रिशियन और नियोनेटोलॉजिस्ट कंसल्टेंट, डॉ. समीरा एस राव कहती हैं, "हाल के सालों में, बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याओं में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जो अक्सर तनाव, बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम और रूटीन में बदलाव जैसे कारकों से जुड़ी होती है."

बच्चों को कैसे रखें मोबाइल से दूर

  • आज के समय में बच्चों के माता-पिता दोनों ही वर्किंग होते है जिसकी वजह से उनके पास बच्चों के साथ समय बिताने के लिए वक्त नहीं होता है. ऐसे में बच्चे मोबाइल और टीवी का सहारा लेते हैं. जिससे वो खुद को व्यस्त रख सकें. 
  • अगर आप भी बच्चा रो रहा है और उसकी चुप कराने के लिए मोबाइल फोन दे रहे हैं तो ऐसी गलती ना करें. फोन देने से बच्चा चुप तो हो जाएगा लेकिन उसकी मोबाइल की लत उनकी सेहत और मेंटल हेल्थ दोनों पर असर डालेगी. 
  • माता-पिता के पास समय नहीं होता है और बच्चा उनको परेशान ना करें इसके लिए वो उसको मोबाइल पकड़ा देते हैं ताकि वो उनको परेशान ना करें. लेकिन उनकी ये अनदेखी बच्चे की सेहत के लिए खिलवाड़ कर रही है. 
  • अपने बच्चे के साथ समय बिताएं, उसके साथ बाते करें. पूरे दिन उसने क्या किया है पूछे. स्कूल में क्या पढ़ा, क्या एक्टिविटी की गई है इस तरह से अपने बच्चे से बात करें. ये प्रैक्टिस आपके और बच्चे के बीच बॉंड को भी मजबूत बनाएगी.
  • अगर आप बच्चे को मोबाइल दे रहे हैं तो स्क्रीन टाइम को सीमित रखें और इसके साथ ही निगरानी रखें की आपका बच्चा मोबाइल में क्या देख रहा है.

 Gurudev Sri Sri Ravi Shankar on NDTV: Stress, Anxiety, से लेकर Relationship, Spirituality तक हर बात

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com