अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 9 दिसंबर को एक बार फिर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें कुछ सैनिक घायल हो गए थे. अब इस पर चर्चा हो रही है कि इसके पीछे की वजह क्या है? क्या यह चीन की सिर्फ विस्तारवादी सोच है या फिर वो भारत से असुरक्षित महसूस करता है? सामरिक विशेषज्ञ कमोडोर (रिटायर्ड) उदय भास्कर ने विवाद के पीछे की तीन बड़ी वजह बताई.
उदय भास्कर ने कहा कि लोकतांत्रिक देश भारत, चीन की कॉम्यूनिस्ट पार्टी के लिए एक चुनौती है. कॉम्यूनिस्ट विचारधारा भारत की लोकतांत्रिक और उदारवादी विचारधारा के बिल्कुल विपरीत है. ऐसे में भारत की उन्नति और समृद्धि उनके लिए खतरा है. उनमें भारत को लेकर असुरक्षा का भाव बढ़ा रहा है.
उन्होंने कहा कि दूसरा खतरा है, जब हम क्षेत्रिय अखंडता की बात करते हैं, भारत और चीन दोनों ने आजादी के बाद अपने क्षेत्रों को बचाने के लिए काफी प्रयास किया है, कुछ अधूरा भी रह गया है, जैसे जम्मू-कश्मीर की बात हो. वहीं चीन के लिए भी ताइवान और तिब्बत चिंता का विषय है.
वहीं तीसरे कारण में सामरिक विशेषज्ञ ने बताया कि पिछले 10-15 साल में भारत और अमेरिका के बीच जिस तरह से द्निपक्षीय रिश्ते बेहतर हुए हैं, 2008 में परमाणु करार हुआ था, उससे भी चीन चिंतित हो गया है. इसीलिए वो भारत को अलग-अलग तरह से परेशान करने की कोशिश करता है.
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