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Exclusive : वही गैंग, वही तरीका - पहले बिहार सिपाही, फिर टीचर भर्ती और अब NEET पेपर कराए लीक, और भाग गया नेपाल

तीन परीक्षाओं नीट-यूजी, बिहार टीचर भर्ती और बिहार सिपाही भर्ती के पेपर लीक के मामले से जुड़े एक ही गैंग के तार

Exclusive : वही गैंग, वही तरीका - पहले बिहार सिपाही, फिर टीचर भर्ती और अब NEET पेपर कराए लीक, और भाग गया नेपाल
सीबीआई ने आरोपी मनीष प्रकाश को गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली:

नीट-यूजी (NEET-UG) पेपर लीक को लेकर एक बड़ी खबर है, जिसमें एक साथ तीन-तीन पेपर लीक (Paper leak) के तार जुड़े हुए हैं. बिहार (Bihar) में अब तक तीन प्रश्न पत्रों के लीक होने में एक ही गैंग (Gang) का हाथ उजागर हुआ है. यह तीन पेपर लीक मामले नीट-यूजी, बिहार टीचर भर्ती  और बिहार सिपाही भर्ती से जुड़े हैं. एक बड़ा गैंग बिहार में था जो पेपर लीक के काम में लगा हुआ था. 

इस गैंग का सरगना संजीव मुखिया है. पर्चा लीक होने के मामले में पूर्व पुलिस महानिदेशक एसके सिंहल को सिपाही चयन आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था. आज EOU ने सिपाही भर्ती परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक मामले में जो खुलासा किया है उससे इस बात की पुष्टि हुई है. आज EOU ने सिपाही भर्ती मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी की है.

कल ही खबर आई थी, बिहार पुलिस के हवाले से कि संजीव मुखिया नेपाल भाग गया है. हमारे संवाददाता मनीष कुमार खुद नेपाल की राजधानी काठमांडु में हैं. वे नालंदा से नेपाल तक इस खबर के पीछे लगे हुए हैं.

गैंग के सरगना की राजनीतिक पहुंच
पेपर लीक के तीनों मामलों में संजीव मुखिया का बेटा डॉ शिव पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में नीतीश कुमार नाम का एक व्यक्ति भी गिरफ्तार हुआ था जिसे चार दिन में जमानत मिल गई थी. नीट मामले में भी यही नीतीश कुमार गिरफ्तार हुआ है. माना जा रहा है कि उसने बयान दिया है कि वह प्रश्न पत्र लीक कराने में शामिल था. संजीव मुखिया के बारे में कहा जा रहा है कि वह नेपाल में हो सकता है. उसकी राजनीतिक पहुंच थी जिसके कारण एक पेपर लीक मामले में फंसने के बाद भी उसकी इतनी हिम्मत थी कि वह दूसरी परीक्षाओं के पेपर लीक करने से भी बाज नहीं आया. 

आरोपियों के पास सारी जानकारी होती थी कि प्रश्न पत्र किस प्रिंटिंग प्रेस में छप रहा है, उसका ट्रांसपोर्टेशन कैसे होगा और उसी में कोई कमजोरी खोजकर वे पेपर लीक करते थे. गैंग के किसी व्यक्ति के गिरफ्तार होने से उनको कोई फर्क नहीं पड़ता था. जांच के दौरान ही उनके लोग रिहा हो जाते थे.   

प्रश्न पत्र लीक कराने वाले गैंग पूरे देश में 
संजीव मुखिया के साथ और भी राज्यों के मास्टरमाइंड हैं. यह एक आदमी का काम नहीं हो सकता. उत्तर प्रदेश के शिक्षक भर्ती मामले में कई लोगों की संलिप्तता सामने आई थी. प्रश्न पत्र लीक कराने वाले गैंग, जो पूरे देश में हैं, उनके बीच भी कोआर्डिनेशन होता है. 
    
इसी मामले में कुछ और ससनीखेज खुलासे हुए हैं जिसकी जानकारी एनडीटीवी के पास है. संजीव मुखिया कॉमन मास्टर माइंड है. उसके साथ ही बड़ी बात यह भी है कि प्रश्न पत्र हर बार ट्रांसपोर्टेशन के दौरान लीक हुआ.  प्रश्न पत्र छापने वाले से लेकर ट्रांसपोर्टेशन कंपनी के लोगों के साथ मिलीभगत तीनों में कॉमन है. कमोबेश लीक करने वाले खिलाड़ी भी कॉमन हैं जिनका सरगना है संजीव मुखिया. 

राष्ट्रपति ने पेपर लीक मामलों पर चिंता जताई
नीट पेपर लीक का मामला इतना गंभीर हो चुका है कि संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपने अभिभाषण में इसका जिक्र किया. छात्रों के जीवन पर पेपर लीक के कारण पड़ने वाले असर पर महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने चिंता जताई. 

बिहार से ही सीबीआई को भी अपनी जांच में अहम सुराग मिलने शुरू हो गए हैं. नीट-यूजी में पेपर लीक की तमाम कड़ियां अब जुड़ रही हैं और धीरे-धीरे इसकी गंदगी और भी ज्यादा सतह पर आ रही है. 

सीबीआई ने दो लोगों को गिरफ्तार किया 
सीबीआई ने पटना से दो लोगों मनीष प्रकाश और आशुतोष को गिरफ्तार किया है. मनीष प्रकाश छात्रों को अपनी गाड़ी में लाता और ले जाता था, जबकि आशुतोष के घर में छात्रों को ठहराया जाता था. नीट मामले में सीबीआई ने यह पहली गिरफ्तारियां की हैं. दोनों को कोर्ट में पेश कर दिया गया है.

पेपर लीक में मनीष प्रकाश की अहम भूमिका मानी जा रही है. मनीष ने ही पटना के प्ले एंड लर्न स्कूल को रात भर के लिए बुक कराया जहां 20 से 25 परीक्षार्थियों को इकट्ठा करके आंसर्स  रटवाए गए थे. इसी स्कूल से जले हुए प्रश्नपत्र मिले जो जांच का आधार बने. इस बीच नीट पेपर लीक मामले में गिरफ़्तार दो आरोपियों चिंटू और मुकेश से CBI ने आज पूछताछ की. 

इस मामले में सीबीआई ने तेजी दिखाई है और जांच का दायरा हर संदिग्ध स्थल तक पहुंच गया है. सीबीआई की टीम हजारीबाग में लंबी पूछताछ के बाद ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक़ से भी पूछताछ कर रही है. NEET पेपर लीक केस में बिहार के एक गिरोह का पहले से पर्दाफाश हुआ है और सीबीआई मामले की भी जांच कर रही है. लेकिन अब लातूर पेपर लीक केस में भी बिहार कनेक्शन आता दिख रहा है. पता चला है कि मामले में गिरफ्तार शिक्षकों के पास जो एडमिट कार्ड मिले हैं, उनमें से कुछ एडमिट कार्ड पटना के एक स्कूल के हैं. 

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