कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने मंगलवार को कहा कि मैं अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं लेकिन इसके लिए पहलवानों को जंतर-मंतर से अपना प्रदर्शन खत्म करना होगा. उन्होंने NDTV से खास इंटरव्यू में ये बातें कहीं. बृजभूषण सिंह ने आगे कहा कि मैं किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हूं. मुझे सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली पुलिस पर भरोसा है. लेकिन मैं सांसद के पद से इस्तीफा क्यों दूं? उन्होंने कहा कि मैंने चयन करने को लेकर बने नियमों में बदलाव किया है, यही वजह है कि वो लोग आज मुझे टारगेट कर रहे हैं और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
"दिल्ली पुलिस ने नहीं किया संपर्क"
बृजभूषण सिंह ने NDTV से कहा कि जो पहलवान जंतर-मंतर पर बैठे हैं वो अब पहलवान नहीं रहे हैं, वो अब राजनेता बन चुके हैं. अपने ऊपर एफआईआर को लेकर बृजभूषण सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया है. लेकिन मुझे अभी तक किसी जांच में शामिल होने या पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है. मैं इस मामले को लेकर लड़ने को तैयार हूं. उन्होंने समाजवादी पार्टी में जाने के सवाल पर कहा कि SP में जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. मैं अखिलेश यादव को शुक्रिया कहता हूं जिन्होंने मेरे खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है.
"मैंने भी पहलवानों के लिए बहुत कुछ किया"
अगर पीएम मोदी कहेंगे तो मैं सभी पदों से इस्तीफा दे दूंगा. जो भी आरोप लगें है वो मेरे ऊपर लगे हैं ना कि मेरी पार्टी के खिलाफ. अगर इन पहलवानों ने देश के लिए मेडल जीता है तो मैंने भी पहलवानों के लिए बहुत कुछ किया है. पहलवानों के समर्थन में प्रियंका गांधी के जंतर-मंतर जाने पर बृजभूषण सिंह ने कहा कि जब उनको सच्चाई का पता चलेगा तो उन्हें भी बुरा लगेगा. ये सभी पहलवान लड़कियां मेरे परिवार का हिस्सा थी लेकिन अब इन्होंने सबकुछ बर्बाद कर दिया है.
"देश का नाम बहुत खराब हो गया"
इस प्रदर्शन की वजह से देश का नाम बहुत खराब हो चुका है. दुनिया में दो ही ऐसे देश हैं जहां खेलों में पूरी टीम जाती है, एक है भारत और दूसरा है अमेरिका . सरकार करोड़ों रुपये खेल पर खर्च करती है. भारत जो सुविधा अपने खिलाड़ी देता है वो दुनिया का कोई दूसरा देश नहीं देता. खासकर ओलंपिक में मेडल लाने के बाद जो सम्मान और पैसा भारत खिलाड़ियों को देता है वो और कोई देश नहीं देता है. भारत कभी कुश्ती में 20 स्थान पर था आज हमारे प्रयास की वजह से हम कभी दो नंबर तो कभी तीन नंबर तो कभी नंबर वन होते हैं. कुश्ती में भारत के ग्रोथ से विश्व भर के देश चकित हैं. पहलवानों के आगे बढ़ने के बाद मेरी भी प्रशंसा होती थी. लेकिन अब बदनामी हो रही है.
"इन्होंने बंद किए बातचीत के रास्ते "
18 जनवरी को जब ये लोग धरने पर बैठे, मैं लखनऊ के एक कार्यक्रम पर था. मैं खुद इनके बात किया. मैंने अपने सेक्रेटरी को भेजा कि इनसे बात करो, लेकिन इन्होंने मेरे सेक्रेटरी से बात तक नहीं की. जब तक मैं फ्लाइट से उतरता तब तक जो धरना मेरे इस्तीफे को लेकर हो रहा था वो यौन उत्पीड़न में तबदील हो चुका था. वहीं से बातचीत के रास्ते बंद हो गए. जब ये पूछा गया कि आप लोग जो ओलंपिक विजेता भी हैं, आपमें से किसके साथ ये घटना घटी है तो उन्होंने कहा कि मेरे साथ तो कोई घटना नहीं घटी है लेकिन हमारे जैसी ही 100 लड़कियों के साथ ये घटना घटी है. इसके बाद बातचीत बंद हो गई.
"कमेटी के रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया"
इन्ही की मांग पर एक कमेटी बनती है. इन्ही के डिमांड पर उस कमेटी में इनका एक आदमी रखा जाता है. इन्होंने कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार तक नहीं किया और फिर धरने पर आ गए. इसमें एक और बात है मैं आपको माध्यम से देश के सामने रखना चाहता हूं. उस दौरान कमेटी के सामने जो लड़कियां पेश हुई थीं उनमें से कोई भी नाबालिग नहीं थी. लेकिन मुझे पता चल गया था कि पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा है और किसी नाबालिग लड़की को ढूंढ़ा जा रहा है.
FIR लिखवाने में चार महीने क्यों लिए?
अब ये जब दोबारा धरने पर बैठे हैं तो वो एक नई लड़की को लेकर आ गए हैं. बताया जा रहा है कि वो नाबालिग है. मेरे मामले में एफआईआर लिखाने में भी चार महीने का समय लिया गया. क्योंकि ये तीन महीने से लड़की ढूंढ़ रहे थे. मैंने तो पिछले दिनों ही नेशनल खेलों के आयोजन के बाद ही घोषणा कर दी थी कि मैं अगला चुनाव नहीं लडूंगा,लड़ भी नहीं सकता हूं. क्योंकि मेरा तीन टर्म पूरा हो गया है. मैं आपको ही इस्तीफा दे देता हूं, लेकिन अब ये मांग लेकर आ गए कि सांसद पद से इस्तीफा देना होगा. साथ ही प्रदेश के जितने लोग कुश्ती संघ से जुड़े हैं उनका इस्तीफा होना चाहिए. ये कौन सी बात है. सांसदी से इस्तीफा देने का क्या मतलब है.
ये अब राजनेताओं का आंदोलन बन गया है
पहली बार इनकी डिमांड थी सरकार ने वो पूरा किया. इन्होंने उस कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया. फिर मामला दर्ज किया. तो अब पुलिस की जांच का इंतजार करें. अगर ये जंतर-मंतर से जाने को तैयार हों तो मैं आपके हाथों से इस्तीफा भिजवा देता हूं. मैं आपको साफ कर दूं ये कोई खिलाड़ियों का आंदोलन नहीं है, ये सभी लोग नेता बन गए हैं. मैं निर्दोष हूं. इनसे मिलने कई नेता चले गए, ये लोग बगैर सच्चाई जाने वहां चले गए.
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