भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने आज "एक परिवार" और "एक अखाड़े" के खिलाफ अपने आरोपों को स्पष्ट करते हुए दावा किया कि महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न की "फर्जी" शिकायतों से उनकी छवि खराब हो रही है. उन्होंने कहा कि 90 फीसदी एथलीट और उनके अभिभावक कुश्ती महासंघ पर भरोसा करते हैं, उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं ने उनके खिलाफ शिकायत की है, वे सभी एक ही परिवार और एक ही अखाड़े से हैं.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "पूरी दुनिया जानती है कि ये सभी महिलाएं महादेव कुश्ती अकादमी से हैं और (कांग्रेस नेता) दीपेंद्र सिंह हुड्डा उस अखाड़े के संरक्षक हैं." उन्होंने किसी विशेष घटना का उल्लेख किए बिना दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है. इस लेकर ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि प्रदर्शनकारी भी भारतीय रेलवे के कर्मचारी हैं.
उन्होंने कहा, "जंतर-मंतर से आपको न्याय नहीं मिलता. अगर आपको न्याय चाहिए तो आपको पुलिस और अदालत जाना होगा. उन्होंने अब तक ऐसा कभी नहीं किया है. वो सिर्फ गाली देते रहे. अदालत जो भी फैसला करेगी हम उसे स्वीकार करेंगे."
अखिलेश को लेकर बोले बृजभूषण सिंह
बृजभूषण सिंह से जब पूछा गया कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव दिल्ली के जंतर -मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के पास क्यों नहीं गए, जबकि विपक्ष के कई नेता ऐसा कर रहे हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि यादव 'सच्चाई जानते हैं'.
उन्होंने कहा, "अखिलेश यादव सच्चाई जानते हैं. हम बचपन से एक-दूसरे को जानते हैं. उत्तर प्रदेश के 80 फीसदी पहलवान समाजवादी पार्टी की विचारधारा वाले परिवारों से हैं. वे मुझे 'नेताजी' कहते हैं. वे कहते हैं कि उनके नेताजी कैसे हैं."
विपक्षी नेताओं ने की थी मुलाकात
कांग्रेस की प्रियंका गांधी और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल सहित शीर्ष विपक्षी नेता एकजुटता व्यक्त करने के लिए जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारी पहलवानों से मुलाकात कर चुके हैं.
इसके साथ ही सिंह ने ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया को भी जवाब दिया है. बजरंग पूनिया ने कल पूछा था कि आरोपी शिकायतकर्ताओं की पहचान कैसे जानते हैं और यह दावा करते हैं कि वे सभी एक ही परिवार से हैं. उन्होंने कहा, 'सिर्फ मैं ही नहीं, पूरी दुनिया जानती है'.
प्रदर्शनकारी पहलवानों ने सरकार की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक नाबालिग शिकायतकर्ता का नाम और जांच का विवरण लीक हो गया है.
इस्तीफे को लेकर दिया था ये जवाब
इससे पहले, बृजभूषण सिंह ने कहा था कि उनके लिए पद से इस्तीफा देना कोई बड़ी बात नहीं थी, लेकिन वह "एक अपराधी के रूप में" ऐसा नहीं करेंगे. बृजभूषण सिंह का विरोध करने वाले पहलवान लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "उनकी (पहलवानों की) मांगें लगातार बदल रही हैं. उन्होंने पहले मेरा इस्तीफा मांगा, मैंने कहा कि इसका मतलब मेरे खिलाफ आरोपों को स्वीकार करना होगा. इस्तीफा कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन मैं इसे एक अपराधी के रूप में नहीं करूंगा, मैं अपराधी नहीं हूं."
बृजभूषण सिंह ने दोहराया कि वह निर्दोष हैं और किसी भी जांच में सहयोग करेंगे क्योंकि उन्हें न्याय व्यवस्था और जांच एजेंसियों पर भरोसा है.
इसके साथ ही सिंह ने दावा किया कि "एक व्यवसायी" उनकी छवि को धूमिल करने की साजिश का हिस्सा था.
पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज
बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट सहित अन्य पहलवानों के दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन के बीच दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के घंटों बाद दो मामले दर्ज किए हैं. इनमें से एक एफआईआर नाबालिग के यौन उत्पीड़न को लेकर है, जो पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज की गई है. इसमें जमानत की कोई गुंजाइश नहीं है.
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