नई दिल्ली:
दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच चल रही जंग पर दिल्ली सरकार ने पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम से कानूनी राय मागी है। दिल्ली सरकार ने उनसे जानना चाहा है कि क्या उपराज्यपाल दिल्ली के मुख्यमंत्री या किसी अन्य मंत्री के आदेश को खारिज कर सकते हैं।
इस पर गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा है कि ऐसे किसी भी फैसले को रद्द करने का फैसला सिर्फ कोर्ट के पास है। उन्होंने कहा, अगर ऐसा कोई भी फैसला इस तरह रद्द होता है तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा और न्यायपालिका का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
उन्होंने दिल्ली सरकार से कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले में राष्ट्रपति से दखल की मांग करें। बुधवार को उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर बताया था कि पिछले 4 दिनों में ट्रांसफर-पोस्टिंग के उसके सभी फैसले रद्द किए जाते हैं।
इस बीच समझा जा रहा है कि उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच जारी अधिकारों की जंग को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही एक नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि गृहमंत्रालय एक नोटिफ़िकेशन जारी कर यह साफ करेगा कि किसके पास क्या अधिकार हैं।
सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इस नोटिफिकेशन के तहत दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के अधिकारों को और साफ़ किया जाएगा।
NDTV को सूत्रों से पता चला है कि इस नोटिफिकेशन में दो अहम बातें हैं। पहला कि उपराज्यपाल को अपने निर्णय के लिए राज्य मंत्रिमंडल से सलाह-मशविरा ज़रूरी नहीं है। और दूसरा, अफ़सरों की नियुक्ति और तबादले के मामले में एलजी के पास पूरा अधिकार होगा।
इस पर गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा है कि ऐसे किसी भी फैसले को रद्द करने का फैसला सिर्फ कोर्ट के पास है। उन्होंने कहा, अगर ऐसा कोई भी फैसला इस तरह रद्द होता है तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा और न्यायपालिका का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
उन्होंने दिल्ली सरकार से कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले में राष्ट्रपति से दखल की मांग करें। बुधवार को उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर बताया था कि पिछले 4 दिनों में ट्रांसफर-पोस्टिंग के उसके सभी फैसले रद्द किए जाते हैं।
इस बीच समझा जा रहा है कि उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच जारी अधिकारों की जंग को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही एक नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि गृहमंत्रालय एक नोटिफ़िकेशन जारी कर यह साफ करेगा कि किसके पास क्या अधिकार हैं।
सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इस नोटिफिकेशन के तहत दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के अधिकारों को और साफ़ किया जाएगा।
NDTV को सूत्रों से पता चला है कि इस नोटिफिकेशन में दो अहम बातें हैं। पहला कि उपराज्यपाल को अपने निर्णय के लिए राज्य मंत्रिमंडल से सलाह-मशविरा ज़रूरी नहीं है। और दूसरा, अफ़सरों की नियुक्ति और तबादले के मामले में एलजी के पास पूरा अधिकार होगा।
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