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This Article is From Oct 06, 2022

अजित पवार ने शिंदे सरकार पर साधा निशाना कहा, "सरकार के आने के बाद हर रोज 3 - 4 किसान आत्महत्या कर रहे है"

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया है कि जून में शिंदे के सत्ता में आने के बाद से महाराष्ट्र में प्रतिदिन तीन से चार किसान आत्महत्या कर रहे हैं.

अजित पवार ने शिंदे सरकार पर साधा निशाना कहा, "सरकार के आने के बाद हर रोज 3 - 4 किसान आत्महत्या कर रहे है"
अजीत पवार ने कहा, 'जब हम सरकार में थे, हमने किसानों के कर्जमाफी का फैसला लिया था.
पुणे,:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया है कि जून में शिंदे के सत्ता में आने के बाद से महाराष्ट्र में प्रतिदिन तीन से चार किसान आत्महत्या कर रहे हैं. अजीत पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, सरकार ने राज्य के उन हिस्सों को बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किया है जहां भारी बारिश हुई और फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने पुणे में अपने निर्वाचन क्षेत्र बारामती में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही.

एकनाथ शिंदे के धड़े वाली शिवसेना के बगावत करने के परिणामस्वरूप राज्य में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की सरकार गिर गयी थी और शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार बनाने के लिए शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों के समूह का समर्थन किया था. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली एमवीए सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस सहयोगी थे.

अजीत पवार (Ajit Pawar) ने कहा, 'जब हम सरकार में थे, हमने किसानों के कर्जमाफी का फैसला लिया था. इससे अब उन लोगों के खाते में 50 हजार रुपये आएंगे जो अपना कृषि कर्ज समय पर चुकाते हैं. हमने किसानों के पक्ष में कई अहम फैसले किए थे. लेकिन, जब से यह सरकार सत्ता में आई है, प्रतिदिन तीन से चार किसान आत्महत्या कर रहे हैं. बारिश होने के बावजूद यह स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा यह कदम उठाने का कारण यह है कि वे अपनी क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा पाने में विफल रहे, जो उन्हें मिलने वाली थी.

राकांपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'कुछ किसानों की 'खरीफ' फसल बर्बाद हो गयी, कुछ किसानों को भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति के कारण रबी की फसल का भारी नुकसान हुआ है. जबकि ऐसा हो रहा है, सर्वेक्षण अभी भी चल रहा है.' राकांपा नेता ने कहा कि कुछ मामलों में मुआवजा दिया गया, लेकिन राशि इतनी कम थी कि किसान इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं थे. उन्होंने कहा, 'हर चीज के लिए वे (राज्य सरकार) केंद्र की ओर देखते हैं. मैंने उनसे उन क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित घोषित करने के लिए कहा था जहां भारी बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.'


 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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