- गगन यादव को पुलिस ने इटावा में हुई हिंसा का मास्टरमाइंड बताया है.
- NDTV के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया.
- गगन ने कहा कि उनकी मंशा समाज में शांति कायम करने की थी, न कि हिंसा की.
- गगन ने कहा, 'न मैं बीजेपी के एजेंट हूं और न हीं सपा के. मैं समाज का सिपाही हूं.'
इटावा में 26 जून को जो हुआ, सबने देखा. कथावाचक मामले पर भड़की हिंसा का मामला तूल पकड़ चुका है. पुलिस ने इस हिंसा का मास्टरमाइंड गगन यादव को बताया है, जो खुद को युवा सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं. NDTV के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (Exclusive Interview) में उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया है. उनका कहना है कि उनकी मंशा समाज में शांति कायम करने की थी. गगन का दावा है कि वे प्रशासन से बातचीत करने और जानकारी लेने के लिए मौके पर जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें आगरा में ही नजरबंद कर दिया गया जिससे युवाओं में आक्रोश फैला.
उन्होंने स्वीकार किया कि सोशल मीडिया पर उनके एक भावनात्मक पोस्ट (जिसमें उन्होंने 'खून बहाने' की बात कही थी) को गलत समझा गया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वो अपने समर्पण की बात कर रहे थे, न कि हिंसा की.
गगन ने ये भी कहा कि जो लोग हिंसा में शामिल हुए, वे कौन थे– उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, और न ही वे किसी को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. इंटरव्यू के दौरान गगन यादव ने खुद को बेगुनाह बताते हुए हिंसा की बात से किनारा किया. गगन यादव ने कहा, 'हम समाज को जोड़ने के लिए निकले हैं, तोड़ने के लिए नहीं. कोई भी सोशल एक्टिविस्ट हिंसा की वकालत नहीं कर सकता. हमें लंबा रास्ता तय करना है, न कि एक दिन की लोकप्रियता के लिए लोगों को लड़ाना है.'
क्यों पहुंचे थे गगन इटावा?
गगन यादव का कहना है कि वे प्रशासन से शांति की अपील और बातचीत के इरादे से इटावा जा रहे थे. लेकिन उन्हें रास्ते में ही आगरा में हाउस अरेस्ट कर लिया गया. उन्होंने स्वीकार किया कि सोशल मीडिया पर उनके एक बयान- 'अगर यदुवंश के सम्मान पर बात आई, तो हम खून बहाने से भी पीछे नहीं हटेंगे', को गलत तरीके से हिंसा से जोड़ दिया गया. गगन ने स्पष्ट किया, "हमने 'खून' कहा तो वह अपने पसीने और संघर्ष के प्रतीक के रूप में कहा था, न कि किसी के खिलाफ हिंसा करने के लिए."
'मुझे ही क्यों बनाया गया निशाना?'
गगन ने सवाल उठाया कि जब प्रशासन, पुलिस और राजनीतिक दलों को पहले से जानकारी थी कि गगन यादव इटावा जा सकते हैं, तो उन्हें शांति वार्ता में शामिल क्यों नहीं किया गया? कहा, "अगर गगन यादव वहां होता, तो युवाओं को गाइड करता. लेकिन जब मुझे हाउस अरेस्ट कर दिया गया, तो लोगों में रोष फैल गया. मैं मानता हूं कि वहां जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था. लेकिन क्या सिर्फ गगन यादव को दोषी ठहरा देना ही समाधान है?"
हिंसा के आरोपों पर क्या कहना है?
गगन ने हिंसा की निंदा की और कहा, 'मैं उन लोगों को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता जो हिंसा में शामिल थे. हमें नहीं मालूम कि वे किस जाति या धर्म से थे. लेकिन अगर नाम मेरा है, तो जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटूंगा.' उन्होंने ये भी जोड़ा कि शासन और प्रशासन अगर कार्रवाई करना चाहता है, तो वे सहयोग के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, 'मैं माफिया नहीं, एक सामाजिक व्यक्ति हूं. जब भी बुलाया जाएगा, हाजिर हो जाऊंगा.'
'न मैं बीजेपी का हूं, न सपा का एजेंट'
राजनीतिक दलों के आरोपों पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी उन्हें बीजेपी का एजेंट कह रही है और बीजेपी सपा का एजेंट बता रही है. लेकिन गगन यादव ने साफ किया कि वे किसी भी दल के सदस्य नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'मैं समाज के लिए काम कर रहा हूं. हां, समाजवादी विचारधारा से प्रभावित जरूर हूं, लेकिन किसी के इशारे पर नहीं चलता. कभी टिकट की कोशिश की थी, लेकिन इससे कोई पार्टी का एजेंट नहीं बन जाता.'
'अहीर रेजिमेंट एक आंदोलन है'
गगन यादव पर 'अहीर रेजिमेंट' के नाम पर हिंसा भड़काने का भी आरोप है. इस पर उन्होंने कहा, 'अहीर रेजीमेंट एक पवित्र मांग है. जैसे जाट, राजपूत, गोरखा रेजिमेंट हैं, वैसे ही यादव समाज की ये वर्षों पुरानी मांग है. ये कोई संगठन नहीं, एक चेतना है, जो लोगों को जोड़ती है.'
फंडिंग और काफिला विवाद पर जवाब
सोशल मीडिया पर गगन के बड़े काफिले और आर्थिक संसाधनों को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा, 'अगर कोई चाहे तो हमारे अकाउंट्स की जांच कर सकता है. हमने मोटरसाइकिल पर आंदोलन की शुरुआत की थी. आज अगर हजारों लोग साथ हैं, तो यह संघर्ष और जन समर्थन का परिणाम है, न कि किसी पार्टी की फंडिंग का.'
'अब और ज्यादा इंडिपेंडेंट काम करूंगा'
राजनीति में भविष्य के सवाल पर गगन ने कहा, 'मैं अब किसी भी पार्टी से जुड़कर कोई हाईप नहीं बनाना चाहता. मैं पहले भी इंडिपेंडेंट था और अब और भी ज्यादा स्वतंत्र होकर समाज के लिए काम करूंगा.' अखिलेश यादव से नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा, 'नाराजगी जैसी कोई बात नहीं. राजनीति में रिश्तों में इतनी गुंजाइश हमेशा होनी चाहिए कि नफरत में भी थोड़ा प्यार घोला जा सके.' गगन ने कहा कि वो अब और अधिक स्वतंत्र रूप से सामाजिक कार्य करेंगे और किसी पार्टी से जुड़ने का कोई इरादा नहीं रखते, लेकिन भविष्य में किस मोड़ पर क्या हो, ये राजनीति का हिस्सा है.
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