प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल और धीरज वाधवान को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया. वाधवान बंधुओं की यह गिरफ्तारी यस बैंक के संस्थापक और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के मामले में हुई है. अधिकारियों ने बताया कि मुंबई की विशेष अदालत ने दोनों को 10 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है. वाधवान बंधु फिलहाल जेल में हैं. उन्हें इसी मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है.
ईडी अधिकारियों के मुताबिक दोनों को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (मनी लॉन्ड्रिंग कानून) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.
वाधवान बंधुओं के खिलाफ ईडी पहले भी गैंगस्टर इकबाल मिर्ची से जुड़े मामले में जांच कर चुकी है. यस बैंक मामले में ईडी ने उन्हें कई बार समन भेजा, लेकिन वह कोविड-19 के चलते लॉकडाउन की वजह से लगे यात्रा प्रतिबंधों का बहाना लगाकर बार-बार समन को टालते रहे. अप्रैल में वाधवान बंधुओं के परिवार समेत अवैध तरीके से महाराष्ट्र के महाबलेश्वर की यात्रा करने के बाद ईडी ने उनके पांच वाहन जब्त कर लिए थे.
यस बैंक के 34,000 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज का बड़ा हिस्सा 10 बड़े कारोबारी समूहों की 44 कंपनियों से जुड़े होने की संभावना है. इसमें अनिल अंबानी रिलायंस समूह, एस्सल समूह, आईएलएफएस, डीएचएफएल, कॉक्स एंड किंग्स और भारती इंफ्रा शामिल हैं. ईडी ने यस बैंक के प्रवर्तक राण कपूर और उनके परिवार पर 4,300 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई का धन शोधन करने का आरोप लगाया है. यह राशि उन्हें कथित तौर पर बैंक के जरिये इन कंपनियों को बड़ा कर्ज उपलब्ध कराने के एवज में रिश्वत के तौर पर दी गई. दिया गया कर्ज बाद में गैर-निषपादित राशि (एनपीए) हो गया. जिससे यस बैंक संकट में घिर गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं