जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kasmir) के उधमपुर जिले में सोमवार को आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ (CRPF) के एक अधिकारी शहीद हो गए. अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने सुरक्षाबलों के एक गश्ती दल पर फायरिंग की थी. इस दौरान सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर शहीद हो गए. अधिकारियों ने बताया कि बसंतगढ़ के डुडू इलाके में दोपहर करीब साढ़े तीन बजे आतंकवादियों ने सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप पर गोलीबारी की.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force) की 187वीं बटालियन की जी कंपनी के इंस्पेक्टर कुलदीप को गोली लग गई. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. हालांकि रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.
उधमपुर पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस घटना की जानकारी दी है. इसमें कहा गया, "चिल, डुडू में एरिया डोमिनेशन गश्त के दौरान आतंकवादियों और जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त दल के बीच गोलीबारी हुई. मुठभेड़ में सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर को गोली लगी और वे शहीद हो गए. ऑपरेशन जारी है."
घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेजा गया
अधिकारियों ने कहा कि संयुक्त गश्ती दल की कड़ी जवाबी कार्रवाई के कारण आतंकवादी घटनास्थल से भाग गए. अधिकारियों ने कहा कि घटनास्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजा गया है और आतंकवादियों को पकड़ने और उन्हें मार गिराने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है.
पिछले हफ्ते चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान किया है. चुनावों के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा तंत्र 'हाई अलर्ट' मोड की तैयारी कर रहा है. चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में आगामी तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की थी. वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी.
यह हमला उस इलाके में हुआ है, जो कई सालों तक कश्मीर की तुलना में अपेक्षाकृत शांत रहा है. पिछले कुछ वक्त में आतंकवादियों की गतिविधियों में तेजी आई है. खासकर पीर पंजाल रेंज के दक्षिणी इलाकों में जहां पर काफी घने जंगल और खड़ी पहाड़ियां हैं.
बढ़ते आतंकी हमलों पर उच्चस्तरीय बैठक
पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश में लगातार मुठभेड़ों और घात लगाकर किए गए हमलों के बाद बढ़ते आतंकी हमलों पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी. दिल्ली के साउथ ब्लॉक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनएसए अजीत डोभाल और सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के साथ बैठक हुई थी.
राजमार्गों को निशाना बना सकते हैं आतंकी
हालिया खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि आतंकवादी जम्मू-कश्मीर की जीवन रेखा कहे जाने वाले राजमार्गों को निशाना बना सकते हैं. केंद्र ने राजमार्गों और आसपास के इलाकों में गश्त के लिए स्थानीय पुलिस के साथ सीआरपीएफ के और अधिक जवानों को तैनात करने का फैसला किया.
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