बजट में स्थिरता और निरंतरता पर काफी जोर दिया गया है, क्योंकि अंतरिम बजट में जो हमने आंकड़े देखे थे, टैक्स में छूट जो दिया गया है, जितना फिसिकल डिफिसिट रहेगा, उसका एजम्पसंस काफी कंजरवेटिव है. अगर आप ग्रोथ को मानते हैं तो नॉमिनल जीडीपी उन्होंने माना है कि 10.50 प्रतिशत होगा, इसका मतलब है कि ग्रोथ 6.50 प्रतिशत और महंगाई 4 प्रतिशत. आरबीआई ने 7.2 प्रतिशत का अनुमान जताया है, लेकिन मुझे लगता है कि ग्रोथ उससे भी ऊपर जाएगा.
मुझे लगता है कि ये बजट स्थिरता और निरंतरता को लेकर इंफेसिस है और देश के लिए इंवेस्मेंट को लेकर बहुत ही महत्वपूर्ण फैक्टर है.
दो टैक्स रिजीम है, एक न्यू टैक्स रिजीम और एक ओल्ड टैक्स रिजीम, मुझे लगता है कि सरकार सबसे अपेक्षा कर रही है कि वो नए टैक्स रिजीम में आएं. ऐसे में अगर कोई न्यू टैक्स रिजीम चुने तो उसे फायदा है. लेकिन यदि सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक लोग न्यू टैक्स रिजीम में जाएं तो उसे अपने सबसे शीर्ष स्लैब को कम करना होगा, क्योंकि हमारे देश में कॉर्पोरेट टैक्स 25 प्रतिशत है और पर्सनल इनकम टैक्स 30 प्रतिशत प्लस सरचार्ज है.
(डिस्क्लेमर- डॉ सौम्या कांति घोष एसबीआई बैंक के ग्रुप मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं.)
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