चुनाव आयोग ने PM मोदी की 'संपत्ति बांट देने वाली' टिप्पणी के खिलाफ शिकायतों की पड़ताल की शुरू

Election Commission on PM Modi : कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह 'निर्वाचन आयोग का भी परीक्षण' है और आयोग निष्क्रियता की एक मिसाल कायम करके अपनी विरासत को धूमिल करने का जोखिम उठा रहा है.

चुनाव आयोग ने PM मोदी की 'संपत्ति बांट देने वाली' टिप्पणी के खिलाफ शिकायतों की पड़ताल की शुरू

Election Commission on PM Modi : राजस्थान के बांसवाड़ा में की गई मोदी की ''धन के पुनर्वितरण'' वाली टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कई शिकायतें विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से की थी.

नई दिल्ली:

विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच समझा जाता है कि निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राजस्थान में दिए गए उस भाषण के खिलाफ दर्ज शिकायतों की पड़ताल शुरू कर दी है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह लोगों के धन को मुस्लिमों में वितरित करेगी.कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मोदी द्वारा रविवार को दिए गए भाषण को लेकर आयोग को अलग-अलग शिकायतें दी थीं.

मोदी ने रविवार को दावा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति को मुसलमानों में वितरित करेगी और उन्होंने अपने इस दावे के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इस टिप्पणी का हवाला दिया था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है. सूत्रों ने बताया कि आयोग ने प्रधानमंत्री के भाषण के खिलाफ शिकायतों की पड़ताल शुरू कर दी है.

कांग्रेस ने आयोग से राजस्थान के बांसवाड़ा में की गई मोदी की ''धन के पुनर्वितरण'' वाली टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए आरोप लगाया कि ये टिप्पणियां 'विभाजनकारी' तथा 'दुर्भावनापूर्ण' हैं और एक विशेष धार्मिक समुदाय को लक्षित कर की गई हैं.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर आयोग से शिकायतों का संज्ञान लेने और मोदी तथा भाजपा के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया था. उन्होंने यह भी मांग की कि साम्प्रदायिक भावनाओं और नफरत को भड़काने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की जाए.

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कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह 'निर्वाचन आयोग का भी परीक्षण' है और आयोग निष्क्रियता की एक मिसाल कायम करके अपनी विरासत को धूमिल करने का जोखिम उठा रहा है और अपने संवैधानिक कर्तव्य को त्याग रहा है.