चुनाव आयोग (Election Commission) ने बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (CV Ananda Bose) को 18 और 19 अप्रैल को कूच बिहार का दौरा नहीं करने की सलाह दी है. चुनाव आयोग की ओर से उनको बताया गया है कि 19 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव होना है और यह दौरा आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) के नियमों का उल्लंघन होगा.
चुनाव आयोग का यह मानक आदेश है कि प्रचार की अवधि खत्म होने और साइलेंट पीरियड शुरू होते ही ऐसे वीआईपी, नेता और राजनीतिक कार्यकर्ता जो कि संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, उन्हें वहां से चले जाना चाहिए. यह न केवल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए है कि सुरक्षा बलों पर कोई अतिरिक्त कार्यभार न हो क्योंकि वीआईपी के लिए अतिरिक्त सुरक्षा का इंतजाम करना होता है.
चुनाव आयोग की यह सलाह राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्यपाल पर चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप का आरोप लगाए जाने के कुछ सप्ताह बाद आई है.
तृणमूल कांग्रेस ने आयोग को भेजे गए पत्र में कहा था कि, “पश्चिम बंगाल राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को तथाकथित शिकायतों की रिपोर्टिंग और “लॉग सभा” के नाम और चुनावों की निगरानी करने की समानांतर चुनाव प्रणाली चलाने से रोकें.”
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंदा बोस का 19 अप्रैल को उत्तर बंगाल के कूच बिहार लोकसभा क्षेत्र में डेरा डालने का कार्यक्रम निर्धारित है. इसी दिन इस क्षेत्र में पहले चरण का मतदान होगा. कूचबिहार के अलावा, उत्तरी बंगाल के दो अन्य निर्वाचन क्षेत्रों, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में भी उसी दिन मतदान हो रहा है.
सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल ने पिछले चुनाव संबंधी हिंसा के रिकॉर्ड पर विचार करने के बाद कूचबिहार का दौरा करने का फैसला लिया है. राजभवन के सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल का गुरुवार की सुबह कोलकाता से कूच बिहार रवाना होने और चुनाव खत्म होने के बाद शुक्रवार की शाम को लौटने का कार्यक्रम है.
चुनाव आयोग की ओर से मतदान कार्यक्रम की घोषणा के 16 मार्च को ही राज्यपाल ने कहा था कि वे पहले चरण से ही मैदान में रहेंगे. उन्होंने कहा था कि, ''मैं सुबह 6 बजे सड़कों पर उतरूंगा। मैं लोगों के लिए उपलब्ध रहूंगा। पिछले साल पंचायत चुनावों में हुई हिंसा की अब अनुमति नहीं दी जाएगी.''
पिछले महीने कोलकाता में गवर्नर हाउस में एक नया पोर्टल भी लॉन्च किया गया, जिसके माध्यम से राज्यपाल राज्य के आम मतदाताओं से सीधे बातचीत कर सकते हैं. पोर्टल में एक ईमेल है जिसके माध्यम से राज्य का कोई भी मतदाता सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है.
कूचबिहार लोकसभा सीट 2019 में बीजेपी द्वारा राज्य में जीती गईं 18 सीटों में से एक है. इस सीट पर पहले चरण में मतदान होना है. तीन दशकों से अधिक समय तक फॉरवर्ड ब्लॉक का गढ़ रही यह सीट अब बीजेपी का गढ़ बनती दिखने लगी है. साल 2021 में तृणमूल की प्रचंड जीत के बीच इस क्षेत्र की सात विधानसभा सीटों में से छह पर बीजेपी को विजय हासिल हुई थी.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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