
कोविड-19 से मरने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति के परिवार ने दावा किया है कि दक्षिण 24 परगना जिला स्थित आवास में उनका शव 14 घंटे तक पड़ा रहा, लेकिन बार-बार कॉल किये जाने बावजूद पड़ोसियों और स्थानीय पार्षद ने कोई जवाब नहीं दिया.
परिवार के सदस्यों ने बताया कि करीब 65 वर्ष की आयु के व्यक्ति की रविवार मध्य रात्रि मृत्यु हो गई.
अस्पताल से वीडियो साझा करने के बावजूद नहीं ली सुध, बदइंतजामी ने कोरोना मरीज की जान ले ली
मृतक के भाई ने बताया, 'मेरे बड़े भाई के अलावा परिवार के तीन अन्य लोगों की भी कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. दादा (भाई) की रविवार रात 11 बजकर 55 मिनट पर मृत्यु हो गई. तब से हमनें पार्षद अशोक मंडल से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी भी (फोन) कॉल का जवाब नहीं मिला. हमनें राज्य स्वास्थ्य विभाग से भी संपर्क किया लेकिन किसी ने मदद नहीं की.'
उन्होंने बताया कि पड़ोस से भी कोई मदद के लिये नहीं आया. जब राज्य के मंत्री एवं स्थानीय विधायक पार्थ चटर्जी ने हस्तक्षेप किया, तब जाकर शव की अंत्येष्टि का इंतजाम किया जा सका. बेहला पश्चिम क्षेत्र से विधायक चटर्जी ने संपर्क किये जाने पर कहा, 'मैंने बेहला पुलिस थाना प्रभारी और मृतक के भाई से बात की. यदि पार्षद ने कॉल का जवाब नहीं दिया तो यह सही चीज नहीं है. मैं चीजों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहा हूं.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं