ऑपरेशन सिंदूर के कारण और बढ़ सकता है रक्षा बजट - सूत्र
भारत सरकार ने ये साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उनका ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है. और अगर आगे जरूरत पड़ी तो आतंकियों के खिलाफ इस ऑपरेशन तहत और बड़ी कार्रवाई की जाएगी. सरकार के इस ऐलान के बाद अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि ऑपरेशन सिंदूर के कारण सरकार अपने रक्षा बजट को और बढ़ाने पर विचार कर रही है. कहा जा रहा है कि रक्षा बजट में अतिरिक्त आवंटन जल्द ही किया जा सकता है. ये अतिरिक्त आवंटन सेनाओं की जरूरत, जरूरी खरीद और रिसर्च डेवलपमेंट के लिए किया जा सकता है.इस अतिरिक्त आवंटन को नए हथियारों और गोला-बारूद की खरीद, तकनीक पर खर्च किया जाना है.
कब कितना रहा रक्षा बजट
साल | रक्षा बजट (करोड़ में) |
2014-15 | ₹2,29,000 |
2015-16 | ₹2,46,727 |
2016-17 | ₹3,40,921 |
2017–18 | ₹3,59,854 |
2018–19 | ₹4,04,365 |
2019-20 | ₹4,31,011 |
2020–21 | ₹4,71,378 |
2021-22 | ₹4,78,196 |
2022-23 | ₹5,25,166 |
2023-24 | ₹5,93,538 |
2024-25 | ₹6,21,941 |
2025-26 | ₹6,81,210 |
सूत्रों के अनुसार सरकार ने पूरक बजट के माध्यम से पचास हज़ार करोड़ रुपए के अतिरिक्त प्रावधान का प्रस्ताव दिया गया है. अतिरिक्त आवंटन को शीतकालीन सत्र में मंजूरी दी जा सकती है. आपको बता दें कि इस वर्ष रक्षा बजट रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रहा है. मोदी सरकार के आने के बाद से पिछले दस वर्षों में रक्षा बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई. 2014-15 में 2.29 लाख करोड़ रक्षाबजट था जबकि इस बार यह 6.81 लाख करोड़ का है, जो कुल बजट का 13.45% है. यह सभी मंत्रालयों के तुलना में सबसे ज्यादा है.
आतंकियों के ठिकानों को किया गया था तबाह
आपको बता दें सेना ने 7 मई को पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर यहां मौजूद सभी आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. सेना की इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे. साथ ही बड़ी संख्या में आतंकी घायल भी हुए थे. सेना ने इस कार्रवाई के बाद ये साफ कर दिया था कि उन्होंने सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया था. इस ऑपरेशन के दौरान उन्होंने किसी भी सैन्य ठिकानों और रिहायशी इलाकों को टारगेट नहीं किया था.
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