नई दिल्ली:
हमारे प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थान आईआईएम सरकार की उस मुहिम का हिस्सा बनेंगे जिसके तहत वह देश में विश्व स्तर के 20 संस्थान खड़ा करना चाहती है. सरकार ने ये भी तय किया है कि सभी आईआईएम की कुल सीटों को अगले कुछ सालों में दुगना कर दिया जाये.
आईआईएम निदेशकों के साथ हुई बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने निदेशकों को सीटें बढ़ाने के लिये कहा है. एनडीटीवी इंडिया से प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'इस बारे में चर्चा हुई है. हर आईआईएम इस बारे में अपना प्लान अगले 2-3 महीने में देगा. कोई कम सीटें बढ़ा सकता है और कोई अधिक सीटें बढ़ा सकता है.'
देश के सभी 19 आईआईएम में अभी कुल मिलाकर 9000 छात्र पढ़ते हैं जिन्हें दो साल का पीजी डिप्लोमा दिया जाता है. इन सीटों की कुल संख्या जल्द ही बढ़ाकर 20000 करने का प्रस्ताव है. हालांकि सरकार ने ये साफ किया कि वह आईआईएम को किसी समय सीमा के दबाव में नहीं डालना चाहती.
जावड़ेकर ने कहा, 'हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा छात्रों को अच्छे शैक्षिक संस्थान में प्रवेश मिले और अच्छी शिक्षा की सुविधा मिले. इस मामले में आईआईटी और आईआईएम ने जगह बनाई है. हम ये देखना चाहते हैं कि वहां जो मूलभूत ढांचा है उसी में थोड़ा और जोड़कर कितनी संख्या बढ़ाई जा सकती है.'
सरकार ये भी चाहती है कि आईआईएम डिप्लोमा की जगह छात्रों को डिग्री दिया करें लेकिन प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इसके लिये कानून में बदलाव करना होगा जिसके लिये संसद में जल्द ही बिल पेश किया जा सकता है. सरकार ने आईआईएम निदेशकों से कहा है कि वह आईआईएम को विश्व स्तर के 20 भारतीय संस्थानों में देखना चाहती है. सरकार की इस मुहिम के तहत भारत में विश्व स्तर के 10 सरकारी और 10 निजी संस्थान बनाये जाने हैं.
सरकार ने आईआईएम निदेशकों से अपने संस्थान में पीएचडी प्रोग्राम का विस्तार करने को कहा है ताकि फैकल्टी की कमी से निबटा जा सके. सरकार का कहना है आईआईटी की तर्ज पर प्रधानमंत्री योजना के तहत आईआईएम में भी फेलोशिप दी जा सकती हैं. लंबे समय से ये कयास भी लग रहा था कि क्या आईआईएम में फैकल्टी की नियुक्ति में रिज़र्वेशन खत्म किया जायेगा लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है वह ऐसा कुछ करने के मूड में नहीं है.
आईआईएम निदेशकों के साथ हुई बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने निदेशकों को सीटें बढ़ाने के लिये कहा है. एनडीटीवी इंडिया से प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'इस बारे में चर्चा हुई है. हर आईआईएम इस बारे में अपना प्लान अगले 2-3 महीने में देगा. कोई कम सीटें बढ़ा सकता है और कोई अधिक सीटें बढ़ा सकता है.'
देश के सभी 19 आईआईएम में अभी कुल मिलाकर 9000 छात्र पढ़ते हैं जिन्हें दो साल का पीजी डिप्लोमा दिया जाता है. इन सीटों की कुल संख्या जल्द ही बढ़ाकर 20000 करने का प्रस्ताव है. हालांकि सरकार ने ये साफ किया कि वह आईआईएम को किसी समय सीमा के दबाव में नहीं डालना चाहती.
जावड़ेकर ने कहा, 'हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा छात्रों को अच्छे शैक्षिक संस्थान में प्रवेश मिले और अच्छी शिक्षा की सुविधा मिले. इस मामले में आईआईटी और आईआईएम ने जगह बनाई है. हम ये देखना चाहते हैं कि वहां जो मूलभूत ढांचा है उसी में थोड़ा और जोड़कर कितनी संख्या बढ़ाई जा सकती है.'
सरकार ये भी चाहती है कि आईआईएम डिप्लोमा की जगह छात्रों को डिग्री दिया करें लेकिन प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इसके लिये कानून में बदलाव करना होगा जिसके लिये संसद में जल्द ही बिल पेश किया जा सकता है. सरकार ने आईआईएम निदेशकों से कहा है कि वह आईआईएम को विश्व स्तर के 20 भारतीय संस्थानों में देखना चाहती है. सरकार की इस मुहिम के तहत भारत में विश्व स्तर के 10 सरकारी और 10 निजी संस्थान बनाये जाने हैं.
सरकार ने आईआईएम निदेशकों से अपने संस्थान में पीएचडी प्रोग्राम का विस्तार करने को कहा है ताकि फैकल्टी की कमी से निबटा जा सके. सरकार का कहना है आईआईटी की तर्ज पर प्रधानमंत्री योजना के तहत आईआईएम में भी फेलोशिप दी जा सकती हैं. लंबे समय से ये कयास भी लग रहा था कि क्या आईआईएम में फैकल्टी की नियुक्ति में रिज़र्वेशन खत्म किया जायेगा लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है वह ऐसा कुछ करने के मूड में नहीं है.
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