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This Article is From Jan 28, 2025

ED ने 2 स्कैमर को किया गिरफ्तार, क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश भेजते थे पैसे

ED ने मामले की जांच करते हुए उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र समेत 30 से अधिक जगहों पर छापेमारी की, जिसमें यह पता चला कि बुजुर्ग नागरिक से लूटे हुए पैसों को म्यूल बैंक अकाउंट्स के जरिए कई दूसरी जगहों पर भेजा गया.

ED ने 2 स्कैमर को किया गिरफ्तार, क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश भेजते थे पैसे

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने डिजिटल स्कैम से जुड़े 2 मास्टरमाइंड्स को गिरफ्तार किया है. ED के मुताबिक दोनों आरोपी देश छोड़कर भागने की फिराक में थे. लेकिन उस से पहले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें एक आरोपी कोलकाता और दूसरा आरोपी राजधानी दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.

आरोपियों पर म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल और लूटे हुए पैसों को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेजने का आरोप है. पूरा मामला चेन्नई में दर्ज हुई एक FIR से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक बुजुर्ग नागरिक ने 33 लाख की धोखाधड़ी की शिकायत की थी. आरोपियों ने उन्हें फर्जी आरोपों और डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर 33 लाख का चूना लगाया था. 

क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेजे पैसे
ED ने मामले की जांच करते हुए उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र समेत 30 से अधिक जगहों पर छापेमारी की, जिसमें यह पता चला कि बुजुर्ग नागरिक से लूटे हुए पैसों को म्यूल बैंक अकाउंट्स के जरिए कई दूसरी जगहों पर भेजा गया. ED ने छापेमारी में कई सारे मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किए. इनके साथ-साथ बिटकॉइन (BTC) और  यूएसडीटी (USDT) के रूप में क्रिप्टोकरेंसी भी जब्त की है. 

विदेशी संस्थाओं को भेजा पैसा
ED की जांच में पता चला कि आरोपियों ने लूटे हुए पैसों को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश में मौजूद संस्थाओं को पैसा भेजा और इसके साथ-साथ विदेश पैसा भेजने के लिए कैश डिपॉजिट मशीनों (CDMs) का इस्तेमाल फिनटेक सेवाएं देने वाली कंपनियों के बैंक खातों में जमा करने के लिए किया. इसके बाद इन खातों से पैसा पर्सनल अकाउंट्स में ट्रांसफर किया गया. ED ने पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए आगे की जांच भी शुरू कर दी है.

DCP हेमंत तिवारी के अनुसार, अगर आप साइबर क्राइम का शिकार हो गए हैं, तो सबसे पहले 1930 पर कॉल करें और मामले की जानकारी दें. कॉल करने के बाद आपसे कुछ बुनियादी जानकारी मांगी जाएगी, जैसे आपका नाम, पता, और आपके ट्रांजेक्शन की डिटेल्स. इसके बाद आपको एक लिंक प्राप्त होगा जो 24 घंटे तक सक्रिय रहेगा और आप अपनी जानकारी अपडेट कर सकते हैं.

अगर किसी वजह से इस लिंक पर फोन न लगे, तो आप www.cybercrime.gov.in पर जाकर एक फॉर्म भर सकते हैं, जिससे आपकी शिकायत सीधे पुलिस स्टेशन तक पहुंच जाएगी. 

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