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पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्‍या पर एडिटर्स गिल्ड ने जताई चिंता, जल्द जांच और दोषियों को सख्त सजा की मांग

पत्रकार मुकेश चंद्रावर की हत्‍या (Journalist Mukesh Chandrakar Murder) मामले में एडिटर्स गिल्‍ड ऑफ इंडिया ने दुख जताया है. साथ ही कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा बेहद महत्‍वपूर्ण है.

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्‍या पर एडिटर्स गिल्ड ने जताई चिंता, जल्द जांच और दोषियों को सख्त सजा की मांग
नई दिल्‍ली:

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में स्‍वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्‍या (Journalist Mukesh Chandrakar Murder) पर एडिटर्स गिल्‍ड ऑफ इंडिया (Editors Guild of India) ने दुख जताया है. साथ ही कहा कि युवा पत्रकार की हत्‍या गंभीर चिंता का विषय है. छत्तीसगढ़ सरकार से इस मामले की जल्‍द जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ने की मांग की गई है. चंद्राकर का शव शुक्रवार को बीजापुर जिले में एक निजी ठेकेदार के सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. 

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एडिटर्स गिल्‍ड ने अपने बयान में कहा कि 33 साल के चंद्राकर कई टीवी चैनल्‍स के लिए अपना योगदान देते थे. उन्‍होंने हाल ही में एक कथित सड़क निर्माण घोटाले पर रिपोर्ट की थी, जिसने स्‍थानीय अधिकारियों को कुछ ठेकेदारों की जांच करने के लिए प्रेरित किया था. 

युवा पत्रकार की मौत गंभीर चिंता का विषय : EGI

अपने बयान में एडिटर्स गिल्‍ड ने कहा, "युवा पत्रकार की मौत गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि इससे गड़बड़ी का संदेह पैदा होता है. एडिटर्स गिल्ड ने छत्तीसगढ़ सरकार से मामले की तेजी से जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ने की मांग की है."

एडिटर्स गिल्‍ड ने कहा, "पत्रकारों विशेष रूप से छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वालों की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है और एडिटर्स गिल्ड मांग करता है कि देश के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए कि उनमें से किसी को भी अपने पेशेवर कर्तव्यों के निर्वहन में किसी तरह की कोई बाधा न पहुंचे." 

चंद्राकर की मौत को व्‍यर्थ नहीं जाने देना चाहिए :  EGI

इसके साथ ही एडिटर्स गिल्‍ड ने कहा कि एक स्वतंत्र प्रेस को बिना किसी डर के काम करने की अनुमति है. यह किसी भी लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है.

साथ ही मुकेश चंद्राकर की मौत को लेकर कहा कि उम्मीद है कि उनकी मौत चेतावनी के रूप में काम करेगी और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बेहतर उपाय सुझाएगी. देश को चंद्राकर की मौत को व्‍यर्थ नहीं जाने देना चाहिए. 

एक जनवरी से लापता थे पत्रकार मुकेश चंद्राकर 

पत्रकार मुकेश चंद्राकर एक जनवरी की रात से लापता थे. उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने अगले दिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुकेश के मोबाइल नंबर के तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस को जानकारी मिली कि मुकेश चंद्राकर ठेकेदार के परिसर में मौजूद थे.

पुलिस ने शुक्रवार को चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में सेप्टिक टैंक से मुकेश चंद्राकर का शव बरामद किया. 

पत्रकारों ने किया विरोध-प्रदर्शन, बंद रहा बीजापुर

बीजापुर जिले के पत्रकारों ने हत्या के विरोध में शनिवार को शहर बंद का आह्वान किया है और शहर के अस्पताल चौक पर सांकेतिक चक्का जाम किया. पत्रकारों ने बताया कि मुकेश की हत्या के बाद क्षेत्र के मीडिया वर्ग और जनता में गुस्सा है तथा वे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

शुक्रवार रात को राजधानी रायपुर के जयस्तंभ चौक पर पत्रकारों ने कैंडल मार्च निकाला और घटना पर दुख जताया. पत्रकारों ने राज्य सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि घटना के अपराधी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. 

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