
ईडी ने सोना तस्करी से जुड़े धन शोधन मामले में कर्नाटक की अभिनेत्री रान्या राव की 34 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के तहत की गई है. यह मामला हर्षवर्धिनी रान्या उर्फ रान्या राव से जुड़ा है, जो इस तस्करी रैकेट की मुख्य साजिशकर्ता बताई जा रही हैं. ईडी के मुताबिक, रान्या और उनके सहयोगियों ने दुबई, युगांडा और अन्य देशों से अवैध रूप से सोना भारत में मंगवाया और इसकी बिक्री से हुई मोटी कमाई को हवाला के जरिए बाहर भेजकर दोबारा तस्करी के लिए इस्तेमाल किया.

इस जांच की शुरुआत सीबीआई द्वारा 7 मार्च 2025 को दर्ज की गई एक एफआईआर के आधार पर हुई थी, जो कि राजस्व खुफिया निदेशालय की शिकायत पर दर्ज की गई थी. 3 मार्च 2025 को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर रान्या राव को 14.213 किलो विदेशी सोने के साथ पकड़ा गया था, जिसकी कीमत करीब ₹12.56 करोड़ थी. उनके घर की तलाशी में ₹2.67 करोड़ की नकदी और ₹2.06 करोड़ के गहने भी मिले.
वहीं, 7 मार्च 2025 को, मुंबई एयरपोर्ट पर एक ओमानी और एक यूएई नागरिक को 21.28 किलो तस्करी किए गए सोने के साथ पकड़ा गया था.
ईडी की जांच में सामने आया कि सोना दुबई व अन्य देशों से हवाला के जरिए पेमेंट कर के मंगवाया जाता था. दुबई से सोने की फर्जी कस्टम डिक्लेरेशन फाइल की जाती थी, जिसमें यह दिखाया जाता था कि सोना स्विट्ज़रलैंड या अमेरिका भेजा जा रहा है, जबकि असल में वह भारत आता था.

पैसे को फिर हवाला के जरिए बाहर भेज दिया जाता था
दो पासपोर्ट और यात्रा दस्तावेज इस्तेमाल किए जाते थे. एक घोषित देश के लिए और दूसरा भारत आने के लिए. भारत में सोना कैश में ज्वैलर्स को बेचा जाता था और उससे मिले पैसे को फिर हवाला के जरिए बाहर भेज दिया जाता था. जांच में यह भी सामने आया कि सोने की तस्करी से हुई कमाई का एक बड़ा हिस्सा जमीन और घरों में निवेश कर ‘कानूनी' रूप देने की कोशिश की गई थी.
ईडी ने जिन संपत्तियों को अटैच किया है, उनमें शामिल हैं- बेंगलुरु के विक्टोरिया लेआउट में एक आलीशान घर, अर्कावती लेआउट में एक प्लॉट, तुमकुर ज़िले में औद्योगिक जमीन, अनेकल तालुक में कृषि भूमि. इन चारों संपत्तियों की कुल बाज़ार कीमत करीब ₹34.12 करोड़ आंकी गई है.
ईडी की पूछताछ में रान्या राव ने सारे आरोपों से इनकार किया. लेकिन उनके मोबाइल फोन, डिजिटल डेटा, यात्रा दस्तावेज, कस्टम डिक्लेरेशन और चैट्स ने साफ किया कि वो इस तस्करी नेटवर्क का अहम हिस्सा थीं. ईडी ने उनके खिलाफ पर्याप्त डिजिटल और दस्तावेजी सबूत जुटा लिए हैं.
ईडी की जांच अभी जारी है। बाकी की अवैध संपत्तियों का पता लगाया जा रहा है और उन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है जिन्होंने एयरपोर्ट्स पर रान्या की मदद की.
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