प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेएसडब्ल्यू स्टील को 4025 करोड़ रुपये की संपत्ति लौटा दी है. यह संपत्ति पहले भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) की थी, जिसे दिवालिया और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत कॉर्पोरेट समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के माध्यम से जेएसडब्ल्यू को सौंपा गया.
कैसे हुई संपत्ति की जब्ती?
भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड के पूर्व प्रमोटरों पर बैंकों को धोखा देने और बैंक के पैसे को निजी निवेशों में लगाने का आरोप है. इसी कारण ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा 5 के तहत इन संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था.
संपत्ति की वापसी कैसे हुई?
संपत्ति की वापसी पीएमएलए की धारा 8(8) के दूसरे प्रावधान और पीएमएलए रेस्टोरेशन ऑफ प्रॉपर्टी रूल्स के नियम 3ए के तहत हुई. सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर 2024 को इसकी मंजूरी दी. इस प्रक्रिया के तहत, ट्रायल पूरा होने से पहले भी संपत्ति संबंधित पक्ष को लौटाई जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने अभी यह तय नहीं किया है कि ईडी के पास कॉर्पोरेट देनदारों की संपत्ति को सीआईआरपी के दौरान जब्त करने का अधिकार है या नहीं. इसके अलावा, अगर किसी कंपनी के खिलाफ पीएमएलए की जांच चल रही है, तो क्या वह आईबीसी की धारा 32ए के तहत सुरक्षा का दावा कर सकती है, यह सवाल भी सुप्रीम कोर्ट ने अभी विचाराधीन रखा है.
यह निर्णय कॉर्पोरेट दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल साबित हो सकता है, क्योंकि यह निवेशकों को कानूनी सुरक्षा और दिवालिया कंपनियों के समाधान प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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