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This Article is From Jul 25, 2022

ED ने पिछले साल दर्ज किए सबसे ज्यादा केस, 10 सालों के सरकारी आंकड़े सामने आए

सोमवार को संसद को उपलब्ध कराए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में, प्रवर्तन निदेशालय ने 2021-22 वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा उल्लंघन के मामले दर्ज किए हैं.

ED ने पिछले साल दर्ज किए सबसे ज्यादा केस, 10 सालों के सरकारी आंकड़े सामने आए
ईडी ने वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान 221 मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज किए थे
नई दिल्ली:

सोमवार को संसद को उपलब्ध कराए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में, प्रवर्तन निदेशालय ने 2021-22 वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा उल्लंघन के मामले दर्ज किए हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के 1,180 और विदेशी मुद्रा उल्लंघन 5,313 मामले दर्ज किए गए हैं. अगर बात पिछले एक दशक की करें तो  2012-13 से 2021-22 के वित्तीय वर्षों के बीच, संघीय जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कुल 3,985 और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के नागरिक कानून के तहत 24,893 आपराधिक शिकायतें दर्ज की है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित उत्तर में लोकसभा को यह डेटा उपलब्ध करवाया है.

इसके अनुसार, ईडी ने वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान 221 मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज किए थे. इसने 209 केस (2013-14) में, 178 केस (2014-15) में, 111 केस (2015-16), 200 केस (2016-17) में, 148 केस (2017-18) में, 195 केस (2018-19) में, 562 केस (2019-20) में दर्ज किए वहीं 981 केस (2020-21) में और 1,180 मामले (2021-22) में दर्ज हुए हैं.  इसी तरह, फेमा मामलों की संख्या 1,722 (2012-13) में, 1,041 केस (2013-14) में, 915 (2014-15) में, 1,516 (2015-16) में, 1,993 (2016-17), 3,627 (2017-18) है. , 2,659 (2018-19), 3,360 (2019-20), 2,747 (2020-21) और 5,313 (2021-22).

कुल मिलाकर, मंत्री ने कहा कि 31 मार्च 2022 तक, ईडी ने पीएमएलए के तहत 5,422 मामले दर्ज किए हैं और अपराध की आय 992 मामलों में कुल 1,04,702 करोड़ के लगभग रही है. इसके तहत 869.31 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है और 23 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है.बताते चलें कि 2002 में पीएमएलए को अधिनियमित किया गया था. वहीं पीएमएलए को 1 जुलाई 2005 को लागू किया गया था.

राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि फेमा के तहत 6,472 कारण बताओ नोटिस पर फैसला सुनाया गया है, जिससे करीब 8,130 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया और फेमा के तहत 7,080 करोड़ रुपये (लगभग) की संपत्ति जब्त की गई है.FEMA को 1999 में 1973 के विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (FERA) को निरस्त करने के बाद लाया गया था.

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