तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हालिया छापेमारी के दौरान कंप्यूटरों में झूठे सबूत डाले और कहा कि कोई भी धमकी उन्हें नयी दिल्ली में सत्ता के सामने सिर झुकाने के लिए मजबूर नहीं कर सकती. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी ने कहा कि जब वह इलाज के लिए विदेश यात्रा पर थे, तो पश्चिम बंगाल में अफवाह फैला दी गई कि वह देश वापस नहीं लौटेंगे.
अभिषेक बनर्जी ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरे लौटने के एक दिन बाद, ईडी अधिकारियों को छापे के लिए भेजा गया. छापे के दौरान, उन्होंने 16 फाइल एक कंप्यूटर में डाउनलोड कीं। अब, यदि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अगले सात दिनों बाद उसी स्थान पर आता है और उसे वे फाइल मिलती हैं, तो बदनाम करने का अभियान शुरू हो जाएगा.''
बनर्जी का इशारा स्कूल नौकरी घोटाले की जांच के सिलसिले में 21 अगस्त को कोलकाता और उसके आसपास के कई स्थानों पर आठ घंटे से अधिक समय तक ईडी की छापेमारी की ओर था. जिन स्थानों पर छापे मारे गए, उनमें शहर के दक्षिणी हिस्से में न्यू अलीपुर इलाके स्थित एक निजी कंपनी का कार्यालय भी शामिल था.
दो बार के सांसद अभिषेक बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे हैं. उन्होंने कहा कि ‘मीडिया ट्रायल' में लिप्त लोग या तो कानून की उचित प्रक्रिया में विश्वास नहीं करते या उनके पास इसके लिए धैर्य नहीं है. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या यह मुझे बदनाम करने की कोशिश नहीं है?''
अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘‘जब मैं इलाज के लिए विदेश की यात्रा पर था, तो एक अफवाह फैलायी गई कि मैं वापस नहीं लौटूंगा. मेरा उपनाम बनर्जी है. हम जानते हैं कि दिल्ली के सामने आत्मसमर्पण किए बिना अपना सिर ऊंचा करके कैसे लड़ना है. मीडिया के एक हिस्से का उपयोग करके फर्जी खबरें और झूठ नियमित रूप से प्रसारित किए जा रहे हैं.''
बनर्जी ने कहा कि यदि उनके गलत कामों के बारे में ज़रा भी सबूत है, तो ‘‘मैं फांसी के तख्ते पर चढ़कर फांसी लगा लूंगा.'' इससे पहले, अभिषेक बनर्जी से केंद्रीय एजेंसियों ने पशु तस्करी और कोयला घोटाला मामले में पूछताछ की थी. उन्होंने इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है.
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