उत्तराखंड में छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. ईडी सूत्रो के मुताबिक परविंदर सिंह एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी ग्रुप (सिंह ग्रुप) चला रहा था, जो डार्क वेब वेबसाइटों पर एड देकर ड्रग्स बेच रहा था और पूरा सिंडिकेट चला रहा था. इसके बदले में सिंह संगठन को ड्रग्स तस्करी से पैसा मिलता था, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी के रूप में भी शामिल था.
19 अप्रैल को अमेरिकी अदालत ने एक भारतीय नागरिक को पांच साल कैद की सजा सुनाई थी और उसकी 150 मिलियन डॉलर की संपत्ति जब्त कर ली थी. भारतीय नागरिक की पहचान बनमीत सिंह निवासी हलद्वानी, उत्तराखंड के रूप में हुई. 2018 में ब्रिटेन के अधिकारियों ने सिंह को लंदन में गिरफ्तार किया था. जनवरी 2024 में उसे अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया. 19 अप्रैल को अमेरिका के न्याय विभाग ने एक बयान भी जारी किया.
बयान में कहा गया कि अदालती दस्तावेजों और अदालत में दिए गए बयानों के अनुसार, भारत के हल्दवानी के 40 साल के बनमीत सिंह ने फेंटेनाइल सहित नशीले पदार्थ बेचने के लिए सिल्क रोड, अल्फा बे, हंसा जैसे डार्क वेब मार्केटप्लेस पर ड्रग्स बेचने के लिए वेबसाइट बनाई. एलएसडी, एक्स्टसी, ज़ैनैक्स, केटामाइन, और ट्रामाडोल खरीदने के लिए ग्राहकों ने इन वेबसाइटों का उपयोग करके सिंह से ऑर्डर की गई दवाओं के लिए क्रिप्टोकरेंसी के साथ भुगतान किया.
इसके बाद सिंह ने व्यक्तिगत रूप से अमेरिकी मेल या अन्य शिपिंग सेवाओं के जरिए यूरोप से संयुक्त राज्य अमेरिका तक ड्रग्स की शिपमेंट की व्यवस्था की. कम से कम 2012 के मध्य से जुलाई 2017 तक, सिंह ने संयुक्त राज्य अमेरिका में कम से कम 8 ड्रग्स कार्टेल को चलाया, जिनमें ओहियो, फ्लोरिडा, उत्तरी कैरोलिना, मैरीलैंड, न्यूयॉर्क, उत्तरी डकोटा और वाशिंगटन सहित अन्य स्थानों के सिंडिकेट थे.
इन सिंडिकेट से जुड़े लोगों को नशीले पदार्थ शिपमेंट के जरिए मिले. इन लोगों ने फिर से पैकिंग कर सभी 50 राज्यों, कनाडा, इंग्लैंड, आयरलैंड, जमैका, स्कॉटलैंड और यू.एस. वर्जिन द्वीप समूह में ये ड्रग्स भेजे. साजिश के दौरान सिंह ड्रग संगठन ने संयुक्त राज्य अमेरिका में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी की. एक मल्टीमिलियन-डॉलर ड्रग कारोबार खड़ा किया. जिसने लाखों डॉलर की ड्रग की कमाई को क्रिप्टोकरेंसी खातों से निकाला, जो करीब $150 मिलियन था.
परविंदर सिंह को संयुक्त राज्य अमेरिका के अनुरोध पर अप्रैल 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और बाद में मार्च 2023 में संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया था. उन्होंने 26 जनवरी को ड्रग्स की तस्करी करने के मामले में साजिश रचने और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचने का दोषी ठहराया.
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