एक ताज़ा अध्ययन में ये ख़ुलासा हुआ है कि दिल्ली की हवा में सांस लेना रोज़ 30 सिगरेट पीने के बराबर है। अमेरिका हर दिन, हर घंटे भारत के प्रदूषण का स्तर नाप रहा है।
स्टडी के मुताबिक दिल्ली के लोग हवा में घुला ज़हर पीने को मजबूर हैं। हवा में मौजूद प्रदूषक PM 2.5 यानी पार्टिक्युलेट मैटर 2.5 की सीमा है 60, लेकिन सड़क पर चलते वक्त दिल्ली के लोगों को PM 2.5 के 600-700 के स्तर से दो चार होना पड़ता है।
केंद्र सरकार ने अब तक इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया है। अब तक सिर्फ नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल का ही एक अकेला आदेश है जो शहर में 15 साल से पुरानी गाड़ियों को सड़क पर उतरने से रोकता है।
सरकार ने बस एक ऐप लॉन्च किया है जो प्रदूषण के स्तर की जानकारी देता है, लेकिन इसमें भी कई खामियां हैं। सरकार का रवैया भले ही ढीला हो लेकिन देश में बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर निगाहें टिकी हैं अमेरिका की जो हर दिन हर घंटे प्रदूषण के स्तर को नाप रहा है।
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