कोरोनावायरस (Coronavirus) को देश में फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा की थी. भारत में घरेलू हिंसा के मामले 24 मार्च के बाद से बढ़ गए हैं. 24 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान के साथ ही भारत में लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिए गए. हालांकि कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए लगाए गए इस लॉकडाउन के बीच महिलाओं से घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी देखी गई है. सिर्फ घरेलू हिंसा से जुड़ी 69 शिकायतें मिली हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 23 मार्च 2020 से दो अप्रैल तक महिलाओं से साइबर अपराध के 15 मामले सामने आए हैं. वहीं, महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की 69 शिकायतें मिली हैं. इसी प्रकार, रेप या रेप की कोशिश की 13, सम्मान के साथ जीने के अधिकार के संबंध में 77 शिकायतें महिलाओं की ओर से मिली हैं. महिलाओं ने कुल 257 शिकायतें दर्ज करवाई हैं, जिनमें से 237 पर कार्रवाई की गई है.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि 24 मार्च से एक अप्रैल तक राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को घरेलू हिंसा की 69 शिकायतें मिली हैं. प्रतिदिन एक-दो से शिकायतें मेरे निजी ई-मेल पर आ रही है. मुझे आज नैनीताल से एक शिकायत मिली है. जिसमें महिला ने कहा कि वह बाहर नहीं निकल पा रही है और उसने बताया कि घर में उसका पति उसके साथ मारपीट करता है लेकिन वह लॉकडाउन की वजह से दिल्ली अपने घर नहीं आ पा रही है.
उन्होंने बताया, "मैं देख रही हूं कि लॉकडाउन की वजह से इस समय बहुत-सी शिकायतें आ रही है. महिलाएं पुलिस तक नहीं पहूंच पा रही है या फिर वह पुलिस के पास नहीं जाना चाहती है कि उन्हें डर है कि उनका पति पुलिस स्टेशन से एक-दो दिन बाद बाहर आ जाएगा तो वह फिर टॉर्चर करेगा क्योंकि इस समय वह अपने पेरेंट्स के घर नहीं जा सकती हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग शिकायत करने वाली महिलाओं के संपर्क हैं. हमें लगता है कि इस समय हमें बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है और हम कर रहे हैं."
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