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This Article is From Aug 20, 2016

हमारी आस्थाओं पर लक्ष्मण रेखा पार नहीं करें अदालतें : शिव सेना ने 'सामना' में कहा

हमारी आस्थाओं पर लक्ष्मण रेखा पार नहीं करें अदालतें : शिव सेना ने 'सामना' में कहा
प्रतीकात्मक तस्वीर
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
दही-हांडी उत्सव पर कुछ प्रतिंबध लगाए जाने पर शिव सेना नाराज
अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट के प्रति कड़ा रुख अपनाया
कहा- अदालतों के इन फतवों (निर्देशों) से लोगों में गुस्सा है
मुंबई: उच्च्तम न्यायालय द्वारा महाराष्ट्र में दही-हांडी उत्सव पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाने पर शिव सेना ने कड़ा रख अख्तियार करते हुए आज कहा कि लोग हिन्दू उत्सवों के संबंध में इस प्रकार की बाधाएं लगाने के प्रयासों विफल कर देंगे.

सेना ने कहा, ‘‘गणेशोत्सव, दही-हांडी और नवरात्रि त्योहार सभी हमारी मान्यताओं का हिस्सा हैं. हमें निर्देश देने वाले न्यायालयों को कम से कम इस मुद्दे पर लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए.’’ सेना ने कहा, ‘‘लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनी है. यह काम सरकार को करने दीजिये. सरकार के शीर्ष लोग इस बात को जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत है. यदि सरकार को नकारने और लोकतंत्र की हत्या का प्रयास किया जाएगा, तो सभी मोर्चे पर राष्ट्रीय व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी.’’

सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘‘हिन्दुओं के त्योैहार और रीति रिवाज जारी रहेंगे. लोग इनमें बाधा डालने के प्रयासों को विफल कर देंगे और इस काम में शिव सेना अगुवाई करेगी.’’ सेना ने कहा, ‘‘जब अदालतें सरकार का काम करने लगेगी, तो उन्हें बदनामी सहने के लिए भी तैयार रहना चाहिए.’’

संपादकीय में कहा गया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि अदालतें वे फैसले करने की कोशिश कर रही हैं जिन्हें करने की सरकार से उम्मीद की जाती है. सेना ने कहा कि उत्सवों के बारे में अदालतों के इस तरह के फतवों (निर्देशों) से जनता में गुस्सा है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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