रिजर्व बैंक बोर्ड (RBI Board) के आंतरिक सदस्य प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Private Cryptocurrency) के पक्ष में नहीं हैं. सूत्रों ने ये जानकारी दी है. रिजर्व बैंक ने कई बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपना रुख जाहिर किया है. उसका कहना है कि यह व्यापक आर्थिक परिदृश्य औऱ वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करत है. दरअसल जल्द सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए कानून लाने की तैयारी में है. इसके तहत रिजर्व बैंक (RBI) के बोर्ड ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) और निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से जुड़े तमाम पहलुओं पर शुक्रवार को चर्चा की.
संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा नियमन विधेयक 2021 को पेश करने की योजना है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक इस विधेयक के अब इस अधिवेशन में पेश होने की संभावना कम ही दिख रही है. आरबीआई ने अपने एक बयान में कहा कि उसके केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक लखनऊ में गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुआई में हुई. इस बैठक में सीबीडीसी और निजी क्रिप्टो मुद्राओं से संबंधित तमाम पहलुओं पर चर्चा की गई.
आरबीआई ने बैंक नोट की परिभाषा में संशोधन के लिए अपने गठन से संबंधित आरबीआई अधिनियम 1934 में संशोधन का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा है. इसमें डिजिटल मुद्राओं को भी शामिल करने की योजना है.रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ कई बार राय व्यक्त कर चुका है. वह इसे देश की वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर मानता है. इसी वजह से वह आने वाले समय में अपने नियमन में एक डिजिटल मुद्रा सीबीडीसी लाने की तैयारी में है.
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आरबीआई ने कहा कि केंद्रीय बोर्ड ने मौजूदा आर्थिक हालात एवं चुनौतियों की भी समीक्षा की. वर्तमान घरेलू एवं वैश्विक हालात के मद्देनजर जरूरी कदमों पर भी गौर किया गया. इस बैठक में डिप्टी गवर्नर महेश कुमार जैन, माइकल देबव्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव और टी रवि शंकर भी मौजूद थे.
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