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पुलिस अफसर बन साइबर ठगों ने इतना डराया कि महिला ने घर बेचकर दे दिए 2 करोड़ रुपये

Bengaluru Cyber Crime News: Software Engineer Scammed 2 Crore. फर्जी Police Cyber Fraud ने Digital Arrest Scam के नाम पर महिला को इतना डराया कि उसने अपना घर बेच दिया. जानें, Blue Dart Courier Fraud Call से शुरू हुई इस भयानक ठगी की पूरी कहानी...

पुलिस अफसर बन साइबर ठगों ने इतना डराया कि महिला ने घर बेचकर दे दिए 2 करोड़ रुपये

Digital Arrest Scam: बेंगलुरु में साइबर ठगी का एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक अकेली सॉफ्टवेयर इंजीनियर महिला को नकली पुलिस अधिकारियों ने 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर इतना डराया कि वह अपनी जमा पूंजी लुटा बैठी. महिला ने ठगों की मांगें पूरी करने के लिए न सिर्फ अपने दो रेजिडेंशियल प्लॉट बेचे, बल्कि अपना फ्लैट भी बेच दिया और एक बैंक से लोन भी लिया. 

कुल मिलाकर, ठगों ने इस सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल से लगभग ₹2 करोड़ रुपये की ठगी की है. यह घटना साइबर क्राइम की बढ़ती भयावहता और 'डिजिटल अरेस्ट' स्कैम के नए और खतरनाक तरीके को दिखाती है. आइए जानते हैं, कैसे धोखेबाजों ने एक पढ़े-लिखे शख्स को अपने जाल में फंसाकर जीवन भर की कमाई लूट ली.

फर्जी कूरियर अधिकारी से हुई शुरुआत

पीड़ित महिला, बबीता दास, बेंगलुरु के विज्ञान नगर, न्यू टिप्पसांद्रा में अपने 10 साल के बेटे के साथ एक फ्लैट में रहती थीं और एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करती थीं. यह घटना जून महीने में शुरू हुई, जब उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को ब्लू डार्ट कूरियर अधिकारी बताया. इस शख्स ने दावा किया कि उनके आधार कार्ड से जुड़ा एक संदिग्ध सामान जब्त किया गया है.

'डिजिटल अरेस्ट' और गिरफ्तारी की धमकी

कूरियर अधिकारी से शुरू हुई यह कॉल जल्द ही मुंबई पुलिस अधिकारी होने का दावा करने वाले लोगों को ट्रांसफर कर दी गई. इन धोखेबाजों ने बबीता को तुरंत गिरफ्तार करने की धमकी दी. उन्होंने महिला को डराया कि सत्यापन (Verification) पूरा होने तक वह घर से बाहर न निकलें. ठगों ने उनसे एक खास मोबाइल एप्लिकेशन इंस्टॉल करने को कहा और साफ चेतावनी दी कि यदि उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो उनके बेटे को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

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बेटे के डर से लुटा दी जीवन भर की कमाई

अपने बच्चे के भविष्य को लेकर दहशत में आई सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल बबीता दास ने ठगों की हर बात मान ली. पहले उन्होंने मलूर में अपने दो रेजिडेंशियल प्लॉट बहुत कम दाम पर बेच दिए. इसके बाद भी जब ठगों की मांगे जारी रहीं, तो उन्होंने मजबूर होकर अपना विज्ञान नगर वाला फ्लैट भी बेच दिया. प्रॉपर्टी की बिक्री से मिले सारे पैसे उन्होंने बिना किसी शक के धोखेबाजों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. इतना ही नहीं उन्होंने ICICI बैंक से लोन भी लिया और वह राशि भी स्कैमर्स को दे दी.

कुल ₹2 करोड़ की ठगी और फिर धोखा

कुल मिलाकर, इस स्कैम में बबीता दास को लगभग ₹2 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ. जब सारे पैसे ठगों के पास पहुंच गए, तो धोखेबाजों ने उन्हें पैसे वापस पाने के लिए पास के पुलिस स्टेशन जाने को कहा और तुरंत कॉल काट दिया. इसके बाद उनके सभी फोन नंबर बंद हो गए. महिला को तब एहसास हुआ कि वह एक भयानक ठगी का शिकार हो चुकी है. अब उन्होंने व्हाइटफील्ड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस ने इस 'डिजिटल अरेस्ट' स्कैम की जांच शुरू कर दी है.

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