सरकार ने आज उत्तराखंड के राज्यपाल अजीज कुरैशी के इन दावों को खारिज किया कि उनसे पद छोड़ने के लिए कहा गया है। सरकार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के सामने जल्द ही 'उचित जवाब' दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'उन्हें (कुरैशी को) हटाने की कोई योजना नहीं थी। वह राष्ट्रपति की इच्छा तक इस संवैधानिक पद पर हैं।'
गृहमंत्री ने यह बयान ऐसे समय दिया है जबकि एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड के राज्यपाल की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था। राज्यपाल ने उन्हें पद से हटाने की नरेंद्र मोदी सरकार की योजना को चुनौती दी थी।
शीर्ष अदालत ने गृह सचिव अनिल गोस्वामी को भी नोटिस जारी किया, जिन्होंने राज्यपाल कुरैशी को कथित रूप से धमकी दी कि या तो वह पद से इस्तीफा दें या केंद्र द्वारा बर्खास्तगी झेलें। हालांकि गृहमंत्री ने कहा कि कुरैशी को पद से हटने के लिए कोई दबाव नहीं डाला गया और उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के सामने जल्द ही जवाब दायर किया जाएगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार शीर्ष अदालत जाने के अजीज के फैसले के संबंध में 'उच्चतम न्यायालय में उचित जवाब' देगी।
मोदी सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने वाले कुरैशी पहले राज्यपाल हैं। इससे पहले राजग सरकार ने मिजोरम की राज्यपाल 87 वर्षीय कमला बेनीवाल को पद से हटाया था। वह नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते इस राज्य की भी राज्यपाल रह चुकी हैं। पूर्व कांग्रेसी नेता वीरेंद्र कटारिया को भी पिछले महीने पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से हटाया गया था।
चार अन्य राज्यपालों एमके नारायणन (पश्चिम बंगाल), अश्वनी कुमार (नगालैंड), बीएल जोशी (उत्तर प्रदेश) और शेखर दत्त (चंडीगढ़) ने परोक्ष रूप से केंद्रीय गृह सचिव द्वारा टेलीफोन किए जाने के बाद इस्तीफा दिया था।
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