नई दिल्ली:
आम चुनाव के तीसरे चरण के तहत मंगलवार को 93 लोकसभा सीट पर हुए मतदान के दौरान मतदाताओं के हौसले को न तो वृद्धावस्था और न ही दिव्यांगता डिगा पाई. बाधाओं को मात देते हुए लोगों ने मतदान किया. पेश है आज हुए मतदान के दौरान की कुछ झलकियां. गुजरात के नाडियाड में अंकित सोनी ने अपने पैर से वोट डाला. 20 साल पहले बिजली का झटका लगने की वजह से उन्होंने अपने दोनों हाथ खो दिए थे. इसके बाद से वह हर चुनाव में इसी तरह मतदान कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में रात रानी ने अपनी दिव्यांग बेटी 27 वर्षीय कमला के साथ वोट डाला. रानी कमला को मतदान केंद्र के अंदर ले गईं.
- कर्नाटक के बीदर के कपालापुर गांव में 110 वर्षीय गट्टीगिट्टी लक्ष्मीबाई अपने बेटे और पोते के साथ वोट डालने पहुंचीं, जबकि 100 वर्षीय गुरमा ने सिंदबंदगी गांव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया. कई मतदान केंद्रों पर बुजुर्ग व्हीलचेयर से पहुंचे.
- -जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में पहला वोट दृष्टिबाधित मोहम्मद अली राठेर ने निर्वाचन आयोग की घर से मतदान की पहल के तहत डाला.
- उत्तरी छत्तीसगढ़ के दो निर्वाचन क्षेत्रों के दो अलग-अलग मतदान केंद्रों पर मधुमक्खियों के झुंड के हमले में 13 लोग घायल हो गए. रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के आरा गांव में आठ लोग और सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के जवाहरनगर में पांच लोग जख्मी हुए.
- मध्य प्रदेश के भोपाल में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव अधिकारियों ने लकी ड्रॉ का आयोजन किया. वोट डालने वालों के लिए पुरस्कारों में हीरे की अंगूठी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, घरेलू सामान और रेस्तरां में छूट आदि शामिल थी. हर तीन घंटे में तीन विजेताओं के चयन के लिए ड्रॉ निकाला गया.
- कई निर्वाचन क्षेत्रों में ‘पिंक बूथ' (जिनका प्रबंधन महिलाओं के पास होता है) स्थापित किए गए हैं और मध्य प्रदेश में ग्वालियर के एक पिंक बूथ पर अच्छा मतदान हुआ. इस बूथ पर 'मेरा मत, मेरा भविष्य' जैसे नारे लिखे पोस्टर लगे थे.
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